किसान आंदोलन: टिकरी बॉर्डर पर किसान ने फांसी लगाकर की आत्महत्या
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में देश के अलग-अलग किसान संगठनों का आंदोलन लगातार 74वें दिन भी जारी है.
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में देश के अलग-अलग किसान संगठनों का आंदोलन लगातार 74वें दिन भी जारी है. कानून के विरोध में किसानों ने शनिवार को देशव्यापी चक्का जाम किया, जो शांतिपूर्ण रूप से खत्म हुआ. हालांकि, किसानों के चक्का जाम को देखते हुए देश के अलग-अलग इलाकों में सुरक्षा के जबरदस्त इंतजाम किए गए थे. दिल्ली पुलिस ने सभी संवेदनशील बॉर्डरों को पूरी तरह से सील कर दिया था. राजधानी दिल्ली में शनिवार को न तो चक्का जाम की इजाजत थी और न ही किसी भी प्रकार के प्रोटेस्ट की इजाजत थी. बता दें कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद से ही दिल्ली पुलिस काफी सतर्क है और किसी भी तरह का कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है.
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने आंदोलनरत किसानों के मसले के समाधान को लेकर सरकार के रुख का स्पष्ट करते हुए रविवार को कहा कि सरकार फिर से किसान यूनियनों के साथ बातचीत के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि किसान यूनियन अगर कोई नया प्रस्ताव लेकर आए तो सरकार फिर से वार्ता शुरू कर सकती है. गोयल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार बातचीत के जरिए मसले का समाधान करना चाहती है और इसके लिए किसान यूनियनों को एक के बाद एक प्रस्ताव दिए गए हैं.
नए केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन की राह पकड़े किसानों की अगुवाई करने वाले यूनियनों के नेताओं के साथ 10 दौर की मंत्रिसमूह की वार्ताओं में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल शामिल रहे हैं.
उन्होंने कहा, "किसानों के मसले को लेकर मोदी सरकार संवेदनशील है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं और पूरी सरकारी बातचीत के जरिए मसले का समाधान करने को तैयार हैं."
केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि सरकार सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी पर है, लेकिन इसके लिए किसी को पहल तो करनी होगी. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि किसानों को अगर नए कानूनों से कोई आपत्ति है तो वे बताएं, उसका समाधान करने के लिए सरकार तैयार है.
उन्होंने कहा कि किसानों को कुछ मसलों को लेकर गुमराह किया जा रहा है. गोयल ने कहा कि कुछ लोग किसानों के मन में आशंकाएं पैदा करके उनको गुमराह करने में सफल रहे हैं.
उन्होंने कहा, "किसान भ्रमित हैं और सरकार उनके भ्रम को दूर करना चाहती है. हमने किसानों के मसले समाधान के लिए एक के बाद एक प्रस्ताव दिए, मगर मुझे मीडिया रिपोर्ट में सुनने को मिलता है 'तारीख पे तारीख' जो गलत है. इसलिए कहा तो यह जाना चाहिए कि केंद्र सरकार ने 'प्रस्ताव के बाद प्रस्ताव' दिया."
कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन का आज 72वां दिन है.
Farmers' agitation against the three agriculture laws at Ghazipur border (Delhi-Uttar Pradesh border) enters Day 72. pic.twitter.com/djaJkqGKmS
— ANI (@ANI) February 7, 2021
टिकरी बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा) पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं. टिकरी बॉर्डर पर भारी संख्या में सुरक्षाबलों का तैनात किया गया है.
Delhi: Heavy security deployment continues at the Tikri border (Delhi-Haryana border) as farmers' protest against three agriculture laws enters the 74th day.
(Latest visuals from near the protest site) pic.twitter.com/wAyWzqYHnY
— ANI (@ANI) February 7, 2021
राकेश टिकैत ने कहा कि वे किसी भी नेता से फोन पर बात नहीं करना चाहते हैं. सरकार से साथ अब बराबरी पर बात होगी.
राकेश टिकैत ने शनिवार को कहा था कि कृषि कानूनों के विरोध में जारी आंदोलन 2 अक्टूबर तक चलता रहेगा.
किसान नेता राकेश टिकैट हरियाणा के चरखी दादरी में सुबह 11 बजे होने वाली पहली किसान महापंचायत में शामिल होंगे. इसके बाद दोपहर 2 बजे दूसरी महापंचायत होगी.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी किसानों के आंदोलन में शामिल होने के लिए 12 फरवरी को राजस्थान जाएंगे.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि किसानों के प्रति उनकी पूरी संवेदना है. उन्होंने कहा कि यदि ने हनुमान होते तो सीना चीरकर दिखा देते. बता दें कि शनिवार को हुए चक्का जाम में उत्तराखंड शामिल नहीं था.
दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान नेता दर्शन पाल ने शनिवार को हुए चक्का जाम को सफल बताया है. उन्होंने कहा कि कर्नाटक और तेलंगाना को छोड़कर देशभर में चक्का जाम शांतिपूर्ण रहा.
पुलिस ने 26 जनवरी को दिल्ली के बुराड़ी में हुई हिंसा में शामिल दो उपद्रवियों की तस्वीर जारी की.
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