विपक्ष ने राज्यसभा सांसदों के निलंबन के खिलाफ लोकसभा सत्र का किया बायकॉट
लोकसभा में मंगलवार को कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने राज्यसभा के निलंबित सदस्यों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करते हुए किसानों के मुद्दे पर लोकसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया.
संसद:
लोकसभा में मंगलवार को कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने राज्यसभा के निलंबित सदस्यों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करते हुए किसानों के मुद्दे पर लोकसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया. निचले सदन की बैठक मंगलवार को जब एक बार के स्थगन के बाद पुन: शुरू हुई तो कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि एक भाई को तकलीफ हो, तब दूसरे भाई को भी तकलीफ होती है. किसानों के मुद्दे पर किसान आंदोलन कर रहे हैं.
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अगर कृषि मंत्री कृषि संबंधी विधेयक वापस लेते हैं तब हमें कोई परेशानी नहीं होगी. यह सरकार किसान विरोधी है, मजदूर विरोधी है. वहीं, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कांग्रेस के दांत दिखाने के कुछ हैं और खाने के कुछ और हैं. आज जो आंदोलन हो रहा है, उनमें जनता नहीं है और यह कांग्रेस प्रेरित है. उन्होंने कहा कि सरकार जिन सुधारों को लेकर आ रही है, उनसे खेती में अभूतपूर्व क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा. खेती की वृद्धि दर बढ़ेगी और किसान प्रौद्योगिकी से जुड़ सकेगा.
तोमर ने लोगों का आह्वान किया कि कांग्रेस के भ्रम में आने की जरूरत नहीं है. कांग्रेस दुष्प्रचार में लगी हुई है. कांग्रेस के कार्यकाल में भी एमएसपी कानून का हिस्सा नहीं था. कृषि मंत्री ने कहा कि सोमवार को रबी की फसलों के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य की जो घोषणा की गई है, वह एमएसपी के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस भी चाहती थी कि ये सुधार लागू हों लेकिन वे बिचौलियों के दबाव के कारण ऐसा नहीं कर पाए.
इस पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि तोमर साहब (कृषि मंत्री) से काफी उम्मीद थी लेकिन उन्होंने किसानों के बारे में कुछ नहीं कहा. राज्यसभा के निलंबित सदस्यों के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि हम अपने जुड़वां भाई के साथ खड़े हैं. चौधरी ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर हमारी पार्टी (कांग्रेस) और सभी विपक्षी दल लोकसभा की कार्यवाही का बहिष्कार करते हैं. इसके बाद सदन से कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, टीआरएस और बसपा जैसे दलों ने सदन से वाकआउट किया.
इससे पहले, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि दूसरे सदन में जो कुछ भी हुआ, इसकी चर्चा लोकसभा में नहीं होनी चाहिए. वहीं, तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने कहा कि पूरे देश में किसान संघर्ष कर रहे हैं. भाजपा जबर्दस्त बहुमत के बल पर जो कर रही है, वह गलत है. जो कुछ भी हुआ है, वह गलत है. द्रमक केटीआर बालू ने कृषि संबंधी विधेयकों को लेकर उपयुक्त तरीके से संसद की मंजूरी लेने की जरूरत बताई.
बसपा के रीतेश पांडे ने कहा कि एमएसपी को विधेयक का हिस्सा बनाया जाना चाहिए. इस बीच, लोकसभ अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदन ने पूरी चर्चा के बाद विधेयक को पारित किया है. निलचे सदन में इस पर 5 घंटे 13 मिनट चर्चा हुई और सदस्यों को बात रखने का पूरा मौका दिया गया। उन्होंने कहा कि आज देश के मजदूरों के विषय पर भी विधेयक आना है.
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