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रिटायरमेंट से पहले सुप्रीम कोर्ट में CJI रंजन गोगोई के लिए दी गई फेयरवेल पार्टी

18 नवंबर को जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े भारत के 47वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ लेंगे.

18 नवंबर को जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े भारत के 47वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ लेंगे.

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Ravindra Singh
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रिटायरमेंट से पहले सुप्रीम कोर्ट में CJI रंजन गोगोई के लिए दी गई फेयरवेल पार्टी

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई का विदाई समारोह( Photo Credit : ट्वीटर)

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) को सुप्रीम कोर्ट परिसर (Supreme Court Campus) में विदाई दी जा रही है. आज यानि शुक्रवार को CJI के रूप में उनके कार्यकाल का आखिरी दिन है. 17 नवंबर को वह सेवानिवृत्त हो रहे हैं 18 नवंबर को जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े भारत के 47वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ लेंगे. इसके पहले अपने कार्यकाल के आखिरी दिन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की आपको बता दें कि रंजन गोगोई ने 3 अक्टूबर साल 2018 में चीफ जस्टिस का पद ग्रहण किया था. रंजन गोगोई ने पंजाब, हरियाणा, गुवाहाटी के उच्च न्यायालय में अपनी सेवाएं दी थी.

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शुक्रवार को सीजेआई ने कार्यसूची में दर्ज सभी 10 मामलों में नोटिस जारी किया. 17 नवंबर 2019 को रिटायर होने से पहले मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई अयोध्‍या के रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद और राफेल घोटाला जैसे बड़े मामलों में फैसला दे चुके हैं. सीजेआई के नेतृत्‍व में पांच जजों की संविधान पीठ ने 9 नवंबर को अयोध्‍या में राम मंदिर-बाबरी मस्‍जिद विवाद में फैसला दिया था.

यह भी पढ़ें-CJI रंजन गोगोई अपने कार्यकाल के आखिरी दिन महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने राजघाट पहुंचे

सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला देते हुए मुस्‍लिम पक्ष को अयोध्‍या में कही और जमीन देने का आदेश उत्‍तर प्रदेश सरकार को दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि राम मंदिर बनाने को लेकर केंद्र सरकार एक ट्रस्‍टी बोर्ड बनाए और तीन माह में निर्माण की रूपरेखा तय करे. CJI रंजन गोगोई के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट में अयोध्‍या मामले की रोजाना सुनवाई हो रही थी. 40 दिनों की सुनवाई के बाद संविधान पीठ ने 16 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था. अयोध्या विवाद में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के फैसले को सभी पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

यह भी पढ़ें-Supreme Court Bar Association में पहली बार नहीं हुआ CJI का विदाई भाषण

अयोध्‍या प्रकरण के अलावा राजनीतिक रूप से सनसनीखेज राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ डाली गई पुनर्विचार याचिका की सुनवाई भी रंजन गोगोई की कोर्ट में हुई. एक दिन पहले ही यानी 14 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस पर फैसला देते हुए पुनर्विचार याचिका को खारिज कर मोदी सरकार को बड़ी राहत दी. इसके साथ ही राहुल गांधी के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर कोर्ट ने उन्‍हें सोच-समझकर बोलने की नसीहत दी. इसी साल 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई पूरी कर ली थी और फैसला सुरक्षित रख लिया था. पूर्व केंद्रीय मंत्रियों यशवंत सिन्‍हा और अरुण शौरी के अलावा सुप्रीम कोर्ट के वरिष्‍ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने राफेल डील में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी.

Supreme Court Chief Justice Retirement CJI Ranjan Gogoi Farewell Party of Chief Justice
      
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