90 किमी की रफ्तार में उखड़ जाते हैं पेड़, फानी तो 180 की रफ्तार से आया
गनीमत की बात ये है कि समुद्री इलाकों से लोगों को पहले ही निकाला जा चुका है.
नई दिल्ली:
फानी तूफान ओडिशा में तटीय क्षेत्रों से टकरा गया है. फानी के तट से टकराने के दौरान 180 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही थीं. हवाओं की इस रफ्तार को खतरनाक माना जा रहा है. जानकारों का कहना है कि हवा अगर 90 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलती है तो पेड़ उखड़ जाते हैं, जबकि फानी की रफ्तार 180 किलोमीटर प्रति घंटे की है. इसी से तटीय इलाकों में तूफान का अंदाजा लगाया जा सकता है.
फानी के आने के दौरान शुक्रवार को समुद्री तट के पास पेड़ उखड़ने लगे थे. गनीमत की बात ये है कि समुद्री इलाकों से लोगों को पहले ही निकाला जा चुका है. शुक्रवार सुबह तक फानी तूफान पुरी से करीब 250 किमी की दूरी पर था, लेकिन पुरी के तट को छूने के दौरान इसकी रफ्तार 180 किलोमीटर प्रति घंटा मापी गई.
ये भी जानें
- जब हवा की रफ्तार 35-40 किमी. प्रति घंटा होती है तो पेड़, खंभे उखड़ने लगते हैं.
- जब हवा की रफ्तार 70-90 किमी. प्रति घंटा होती है तो पेड़, खंभे और कच्चे मकान गिर जाते हैं.
- जब हवा की रफ्तार 100-150 किमी. प्रति घंटा होती है तो तेज हवा के साथ बारिश की संभावना बढ़ जाती है.
- इससे अधिक रफ्तार ना सिर्फ बिल्डिंग, पेड़ों के लिए बल्कि आम लोगों के लिए भी काफी हानिकारक होती है.
ओडिशा के बाद फानी तूफान बंगाल से भी टकरा सकता है. बंगाल के सभी सरकारी स्कूलों ने शुक्रवार से गर्मियों की छुट्टी की घोषणा कर दी है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार के अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं. फानी को ध्यान में रखते हुए गर्मियों की छुट्टियां पहले कर दी गई हैं.
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