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चक्रवाती तूफान 'फानी' के बाद ओडिशा में शुरू हुई यातायात और विमान सेवा

चक्रवाती तूफान फानी के ओडिशा के तट पर आने के दो दिनों के बाद राज्य में सड़क और वायु मार्ग पर यातायात बहाल हो गया और रद्द की गईं 138 ट्रेनों में से 85 ट्रेनों की सेवाएं भी शुरू कर दी गईं.

Updated on: 05 May 2019, 09:50 PM

नई दिल्ली:

चक्रवाती तूफान फानी के ओडिशा के तट पर आने के दो दिनों के बाद राज्य में सड़क और वायु मार्ग पर यातायात बहाल हो गया और रद्द की गईं 138 ट्रेनों में से 85 ट्रेनों की सेवाएं भी शुरू कर दी गईं. गृह मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी. कैबिनेट सचिव पी.के. सिन्हा की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की बैठक में ओडिशा सरकार द्वारा बताई गई जानकारी के आधार पर जारी बयान के अनुसार, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने पुरी, खुर्दा और भुवनेश्वर में ज्यादातर स्थानों पर सड़कों से पेड़ हटा दिए हैं और यातायात सामान्य हो गया है. एनसीएमसी ने रविवार को ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के फानी से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यो की समीक्षा की.

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बयान के अनुसार, 'रेलवे ने रद्द की गईं 138 ट्रेनों में से 85 ट्रेनों को बहाल कर दिया है. भुवनेश्वर जाने वाली मुख्य लाइन पर ट्रेन सेवा बहाल हो गई है, वहीं पुरी में चार से पांच दिनों में ट्रेन सेवा शुरू हो जाएगी. स्थानीय हवाईअड्डे को बहुत नुकसान होने के बावजूद शनिवार को भुवनेश्वर के लिए 41 उड़ानें बहाल हो गईं.'

ओडिशा ने यह भी कहा कि राज्य में चक्रवात से प्रभावित क्षेत्रों में विद्युत और संचार सेवाएं भी धीरे-धीरे बहाल हो रही हैं.

बयान के अनुसार, 'विद्युत वितरण में ज्यादा नुकसान भुवनेश्वर और पुरी में बताया जा रहा है. मोबाइल सेवाएं आंशिक रूप से बहाल हो गई हैं. दोनों शहरों में रविवार शाम तक 70 प्रतिशत जलापूर्ति बहाल हो जाएगी.'

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बयान में कहा गया है, 'प्रभावित हुए लगभग 60 प्रतिशत मोबाइल टॉवरों के रविवार शाम तक बहाल होने की उम्मीद है और विद्युत आपूर्ति के बाधित होने की स्थिति में डीजल जेनरेटर (डीजी) से उनका संचालन करने के लिए डीजल की आपूर्ति की जा रही है.'

आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिवों और प्रधान सचिवों ने एनसीएमसी की बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भाग लिया. गृह, रक्षा, नागरिक विमानन, रेलवे, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, ऊर्जा, संचार, स्टील, पेयजल और स्वच्छता, स्वास्थ्य मंत्रालयों, एनडीएमए और एनडीआरएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी बैठक में भाग लिया.