logo-image

'बच्चे दो ही अच्छे' सोच वालों को ही सरकारी सुविधाएं, असम-यूपी में बन रहा कानून

असम ने जहां जनसंख्या नियंत्रण कानून को क्रमवार तरीके से लागू करने की घोषणा कर दी है, वहीं उत्तर प्रदेश में इसका मसविदा तैयार हो रहा है.

Updated on: 20 Jun 2021, 10:15 AM

highlights

  • परिवार नियोजन के सिद्धांतों को मानने वाले परिवारों की होगी चांदी
  • असम में क्रमवार तरीके से लागू होगा जनसंख्या नियंत्रण कानून
  • यूपी में अन्य राज्यों के कानून को देख तैयार हो रहा प्रस्ताव

नई दिल्ली:

परिवार नियोजन (Family Planning) के ध्येय वाक्य हम दो, हमारे दो या बच्चे दो ही अच्छे को मानने वाले परिवारों के लिए यह एक अच्छी खबर है. ऐसे परिवारों के लिए उत्तर प्रदेश में आने वाले दिनों में जिंदगी की राह कहीं आसान हो जाएगी. जो परिवार दो बच्चों की नीति का पालन करेंगे सिर्फ उन्हीं को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार के राज्य विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण कानून का मसौदा बनाना शुरू कर दिया है. दूसरी तरफ असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने भी दो-टूक कहा है कि राज्य सरकार कुछ विशेष सरकारी योजनाओं का लाभ देने में दो बच्चा नीति लागू करेगी. यह काम क्रमवार तरीके से किया जाएगा.

असम में क्रमवार तरीके से लागू होगा जनसंख्या नियंत्रण कानून
शनिवार को संवाददाताओं से बात करते हुए असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण नीति को असम की सभी योजनाओं में तुरंत लागू नहीं किया जाएगा, क्योंकि कई योजनाएं केंद्र की मदद से चलाई जा रही हैं. उन्होंने कहा, कुछ योजनाओं में हम दो बच्चा नीति को लागू नहीं कर सकते. जैसे-स्कूलों और कालेजों में मुफ्त नामांकन या प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान देने में इसे लागू नहीं किया जा सकता, लेकिन यदि राज्य सरकार की ओर से कोई आवास योजना लागू की जाती है तो उसमें दो बच्चा नीति को लागू किया जा सकता है. आगे चलकर धीरे-धीरे जनसंख्या नीति को राज्य सरकार की हर योजना में लागू किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि चाय बागानों में काम करने वालों समेत एससी-एसटी वर्ग पर यह नियम लागू नहीं होगा.

यह भी पढ़ेंः बंगाल में जारी है 'खेला', अब बीजेपी भी देगी चुनाव परिणामों को चुनौती

यूपी में विधि आयोग कर रहा प्रस्ताव तैयार
इस बीच उत्तर प्रदेश विधि आयोग फिलहाल राजस्थान व मध्य प्रदेश समेत कुछ अन्य राज्यों में लागू कानूनों के साथ सामाजिक परिस्थितियों व अन्य बिंदुओं पर अध्ययन कर रहा है. जल्द वह अपना प्रतिवेदन तैयार कर राज्य सरकार को सौंपेगा. राज्य में बीते चार वर्षों के दौरान उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम व उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अधिनियम समेत कई नए कानून लागू किए गए हैं. कई अहम कानूनों में बदलाव की रूपरेखा तैयार की जा चुकी है. इसी कड़ी में विधि आयोग ने अब जनसंख्या नियंत्रण के बड़े मुद्दे पर अपना काम शुरू किया है. इसके तहत सरकारी योजनाओं का लाभ उन्हीं लोगों को मिलेगा, जिनके दो या दो से कम बच्चे हैं.

यह भी पढ़ेंः कोरोना : 81 दिन बाद देश में सबसे कम नए मामले, 2 महीने बाद सबसे कम मौतें दर्ज

कई बातों का रखा जाएगा ध्यान
सूबे में इस कानून के दायरे में अभिभावकों को किस समय सीमा के तहत लाया जाएगा और उनके लिए सरकारी सुविधाओं के अलावा सरकारी नौकरी में क्या व्यवस्था होगी, ऐसे कई बिंदु भी बेहद अहम होंगे. आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एएन मित्तल का कहना है कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर राजस्थान व मध्य प्रदेश में लागू कानूनों का अध्ययन शुरू कर किया गया है. बेरोजगारी व भुखमरी समेत अन्य पहलुओं को ध्यान में रखकर विभिन्न बिंदुओं पर विचार के आधार पर प्रस्ताव तैयार किया जाएगा. गौरतलब है कि असम में सीएम के इससे जुड़े बयान के बाद राजनीतिक पारा गर्मा गया था.