ओडिशा पुलिस ने सोमवार को गंजम जिले के देंगौस्टा में एक व्यक्ति को बिना किसी मेडिकल क्वालिफिकेशन और रजिस्ट्रेशन के एलोपैथिक मेडिसिन की प्रैक्टिस करने के आरोप में गिरफ्तार किया।
पुलिस ने बताया कि आरोपी की पहचान सुभ्रजीत पांडा के रूप में हुई है। पांडा पिछले एक साल से गंजम जिले के देंगौस्टा और कटक शहर के रानीहाट इलाके में बेस्ट पॉली क्लिनिक नाम से क्लीनिक चला रहा था। वह मरीजों का इलाज करने और दवाएं लिखने के लिए मेडिसिन प्रतिनिधि (रिप्रेजेन्टेटिव) की मदद लेता था।
फर्जी डॉक्टर की दवा (मेडिसिन) खाने के बाद एक महिला को किडनी की बीमारी हो गई और उसे भुवनेश्वर में डायलिसिस कराना पड़ा। इस घटना के बाद मरीज के परिजन ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। जब पुलिस ने देंगौस्टा स्थित पांडा के क्लिनिक में जांच की तो पता चला कि उसके सभी मेडिकल सर्टिफिकेट और अन्य दस्तावेज फर्जी थे।
बरहामपुर एसपी सरवना विवेक एम. ने कहा कि हमने पाया कि उनका जर्मनी से एमबीबीएस सर्टिफिकेट स्पेशलाइजेशन, ऑर्थोपेडिक सर्टिफिकेट और कुछ फेलोशिप दस्तावेज फर्जी हैं। हमने उसे उसके क्लिनिक में रंगे हाथ पकड़ लिया।
एसपी ने कहा कि उन्हें इससे पहले 2020 में हैदराबाद में खुद को डॉक्टर बताने के आरोप में तेलंगाना पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वह 15 दिनों तक जेल में रहे और अब जमानत पर हैं। उन्होंने कहा कि मामले की सुनवाई अभी भी चल रही है।
एसपी ने लोगों से अपील की कि जब भी उन्हें ऐसे किसी फर्जी डॉक्टर के बारे में पता चले तो वे पुलिस को सूचित करें।
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Source : IANS