बिहार चुनाव से पहले मनीष कश्यप ने भाजपा छोड़ी, कहा- 'मैं अब भाजपा में नहीं हूं'
श्रीनगर और कटरा के बीच वंदे भारत ट्रेन का वाणिज्यिक परिचालन शुरू
Best Tourist Place 2025: जून में घूमने के लिए बेस्ट हैं भारत की ये जगहें, खूबसूरती मोह लेगी मन
'हालत बहुत गंभीर', जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने फिर किया पोस्ट, जारी किया फोन नंबर
संगीतकार तनिष्क बागची ने सैय्यारा की रिकॉर्डिंग के दौरान बाहर निकल जाने को कहा था : मोहित सूरी
Weather Forecast: केरल, मुंबई में बारिश का Alert! दिल्ली-NCR में कैसा होगा मौसम?
किसी जन्नत से कम नहीं है एमएस धोनी का फार्म हाउस, दुनिया की सारी सुख-सुविधाएं हैं मौजूद
War: अमेरिका या ईरान, अगर आज युद्ध हुआ तो कौन किसे मिलेगी करारी हार
विराट कोहली ने IPL 2025 में बनाया एक बड़ा रिकॉर्ड, जो सालों तक रहने वाला है उन्हीं के नाम

कार्यपालिका की विफलता और कानूनों की अस्पष्टता न्यायपालिका पर मुकदमों का बोझ बढ़ा रही: CJI एनवी रमाना

सीजेआई ने कहा कि यदि अधिकारी कानून के अनुसार अपना कार्य करें तो लोग अदालतों का दरवाजा नहीं खटखटाएंगे. गवर्नेंस में कई बार कानून और संविधान की अनदेखी की जाती है और कार्यकारी निर्णयों को लागू करने की हड़बड़ी में लीगल डिपार्टमेंट की राय नहीं मांगी जाती

author-image
Pradeep Singh
New Update
CJI

CJI एनवी रमाना( Photo Credit : TWITTER HANDLE)

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमाना ने शनिवार को कहा कि कार्यपालिका के विभिन्न अंगों का काम ना करना और कानूनों में अस्पष्टता न्यायपालिका पर मुकदमों का बोझ बहुत बढ़ा रही है. सीजेआई ने कहा कि यदि अधिकारी कानून के अनुसार अपना कार्य करें तो लोग अदालतों का दरवाजा नहीं खटखटाएंगे. गवर्नेंस में कई बार कानून और संविधान की अनदेखी की जाती है और कार्यकारी निर्णयों को लागू करने की हड़बड़ी में लीगल डिपार्टमेंट की राय नहीं मांगी जाती है.

Advertisment

उल्लेखनीय है कि सीजेआई रमाना नई दिल्ली में राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के 11वें संयुक्त सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू भी मौजूद थे. सीजेआई ने कहा कि अगर कानून के मुताबिक काम किया जाए तो न्यायपालिका गवर्नेंस के रास्ते में नहीं आएगी. फिर उन्होंने मिसगर्वनेंस के कुछ उदाहरण दिए, जिससे मुकदमेबाजी को बढ़ावा मिलता है.

यह भी पढ़ें : 1 मई से आपकी जिंदगी में आएंगे कई बदलाव, LPG से लेकर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तक करेंगे जेब ढीली

न्यायाधीशों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं पर सीजेआई एनवी रमना ने कहा कि, मैंने सीएम के सामने यह मुद्दा उठाया है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि वे पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराएंगे. जम्मू-कश्मीर में एक प्रणाली है, 2-स्तरीय सुरक्षा प्रणाली, जिसे हमने अन्य न्यायालयों (अन्य राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में) में भी उस पंक्ति में लेने का सुझाव दिया है.

CJI ने  कहा कि कल 2 प्रस्ताव पारित किए कि भारत के राष्ट्रीय न्यायिक अवसंरचना प्राधिकरण को पूरक राज्य निकायों के साथ मुख्य समन्वयक के रूप में विशेष उद्देश्य वाहन के रूप में बनाया जाए और CJI द्वारा सरकार के प्रस्ताव के अनुसार न्यायिक बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए प्रेरक बल बनाया जाए.

भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि एक और प्रस्ताव भी पारित किया गया. यह मुख्य न्यायाधीशों और मुख्यमंत्रियों द्वारा किया गया अनुरोध था - एकमुश्त उपाय के रूप में राज्यों को बुनियादी ढांचा निधि दें.

creation of judicial infrastructure incidents of violence against judges Supreme Court of India CJI NV Ramana Chief Justice Of India
      
Advertisment