फेसबुक डेटा लीक से भारत के राजनीतिक जगत में आया भूचाल, जानें क्या है पूरा मामला
कैंब्रिज एनालिटिका ने फेसबुक पर पांच करोड़ फेसबुक उपभोक्ताओं के डेटा का इस्तेमाल बिना उनकी अनुमति के राजनेताओं के लिए करने का आरोप लगाया है।
नई दिल्ली:
सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर विश्वभर के करोड़ों लोग आपसे में जुड़े हुए है। ऐसे में यूजर्स के डेटा की सुरक्षा को लेकर जब सवाल खड़े हो जाये तो यह काफी हैरान कर देने वाली बात है।
हाल ही में एक मामला सामने आया है जिसमें एक ब्रिटिश कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका ने फेसबुक पर पांच करोड़ फेसबुक यूजर्स के डेटा का इस्तेमाल बिना उनकी अनुमति के राजनेताओं के लिए करने का आरोप लगाया है।
क्या है मामला?
एक ब्रिटिश परामर्शदाता कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका के आरोपों के बाद फेसबुक भारी मुश्किलों का सामना कर रहा है। कैंब्रिज एनालिटिका ने फेसबुक पर पांच करोड़ फेसबुक उपभोक्ताओं के डेटा का इस्तेमाल बिना उनकी अनुमति के राजनेताओं के लिए करने का आरोप लगाया है। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व ब्रेक्सिट प्रचार अभियान भी शामिल हैं। यूरोपीय संघ (ईयू) और ब्रिटिश सांसदों की मांग है कि सोशल मीडिया दिग्गज फेसबुक को व्यक्तिगत डेटा का बड़े स्तर पर राजनीतिक उद्देश्यों के लिए दुरुपयोग होने के खुलासे के बाद चोरी पर सफाई देनी चाहिए। फेसबुक ने पहले ही कैंब्रिज एनालिटिका को अपने प्लेटफार्म से निलंबित कर दिया है।
क्या है कैंब्रिज एनालिटिका
कैंब्रिज एनालिटिका एक निजी कंपनी है, जो डेटा माइनिंग और डेटा एनालिसिस का काम करती है। इसके सहारे लंदन की ये कंपनी चुनावी रणनीति तैयार करने में राजनीतिक पार्टियों की मदद करती है।
कैंब्रिज एनालिटिका के सीईओ सस्पेंड
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान 50 मिलियन फेसबुक उपयोगकर्ता का नीजी डाटा चुराने वाली कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका के सीईओ अलेक्जेंडर निक्स को सस्पेंड कर दिया गया है।
और पढ़ें: फेसबुक डेटा लीक: CEO मार्क जुकरबर्ग ने मानी गलती, दिया सुरक्षा का भरोसा
भारतीय राजनीतिक जगत में भूचाल
फेसबुक डेटा चोरी की खबर के बाद भारतीय राजनीतिक जगत में भूचाल आ गया है। दअरसल फेसबुक डेटा लीक मामले में सामने आई मुख्य आरोपी कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका की भारतीय सहायक कंपनी अमरीश त्यागी चलाते हैं, जो केसी त्यागी के बेटे हैं। कैंब्रिज एनालिटिका की सहायक भारतीय कंपनी ओवलेनो बिजनेस इंटेलिजेंस (ओबीआई) की वेबसाइट बताती है कि इसने बीजेपी, कांग्रेस, नीतीश कुमार के जनता दल यूनाइटेड को अपनी सेवाएं दी हैं। इस कंपनी ने कंपनी ने 2012 में यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी और 2010-11 में झारखंड में यूथ कांग्रेस के लिए काम किया था।
कैंब्रिज एनालिटिका की वेबसाइट के मुताबिक, कंपनी ने बिहार विधानसभा चुनाव 2010 में अपनी सेवाएं एक राजनीतिक दल को दी थीं। इस चुनाव में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन को भारी सफलता मिली थी।
बीजेपी और कांग्रेस के बीच सियासत हुई तेज़
बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा. बीजेपी ने कांग्रेस पर 2019 लोकसभा चुनाव अभियान के लिए कथित रूप से राजनीतिक डेटा विश्लेषक कंपनी कैंब्रिज एनालाइटिका(सीए) की मदद लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का आरोप लगाया है।
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