Climate Change: 2022 में असामान्य मौसम ने भारत में 2,227 लोगों की जान ले ली
1901 के बाद से 2022 पांचवां सबसे गर्म वर्ष था. वास्तव में जनवरी और फरवरी को छोड़कर वर्ष के 10 महीनों में देश में सामान्य से ऊपर मासिक औसत तापमान दर्ज किया गया.
highlights
- दुनिया के अन्य कई देशों की तरह भारत में भी मौसम की अति का कहर
- 2022 में ही मौसम में आए असामान्य बदलावों से लगभग ढाई हजार मौतें
- बिहार, असम, यूपी और महाराष्ट्र मौतों के लिहाज से सर्वाधिक प्रभावित रहे
नई दिल्ली:
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने '2022 के दौरान भारत की जलवायु (Climate Change)' रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के अनुसार 2022 में मौसम में असामान्य बदलाव के प्रभाव से देश भर में 2,227 मौतें दर्ज की गईं. 1901 के बाद से 2022 पांचवां सबसे गर्म वर्ष था. वास्तव में जनवरी और फरवरी को छोड़कर वर्ष के 10 महीनों में देश में सामान्य से ऊपर मासिक औसत तापमान दर्ज किया गया. इससे 2022 पांचवां सबसे गर्म वर्ष बन गया. विश्व स्तर पर भी 2022 संभवतः पांचवां या छठा सबसे गर्म वर्ष था. विश्व मौसम विज्ञान विभाग (WMO) की अप्रैल के अंत में जारी होने वाली 'स्टेट ऑफ द ग्लोबल क्लाइमेट' रिपोर्ट में इसकी सटीक जानकारी मिलेगी.
आंधी और बिजली गिरने से सबसे ज्यादा लोग मरे
पिछले साल भारत में विभिन्न मौसम से जुड़ी घटनाओं में आंधी और बिजली ने सबसे अधिक 1,285 लोगों की जान ली. यह आंकड़ा ऐसी कुल मौतों का 58 फीसदी है. इसके बाद बाढ़ और भारी बारिश ने 835, बर्फबारी ने 37, लू ने 30 और धूल भरी आंधी ने 22 जानें ली. आंधी और बिजली की चपेट में आकर बिहार में 415, ओडिशा में 168, झारखंड में 122, मध्य प्रदेश में 116, यूपी में 81, राजस्थान में 78, छत्तीसगढ़ में 71, महाराष्ट्र में 64, असम में 58 और अन्य राज्यों के लोगों ने जान गंवाई. दूसरे शब्दों में कहें तो बिहार, असम, यूपी और महाराष्ट्र क्रमशः 418, 257, 201 और 194 मौतों के साथ सर्वाधिक प्रभावित राज्य थे.
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0.51 डिग्री अधिक रहा बीते साल औसत तापमान
आईएमडी की रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत ने पिछले साल 1981-2010 की तुलना में 0.51 डिग्री सेल्सियस अधिक औसत वार्षिक तापमान दर्ज किया था. हालांकि पिछले वर्ष की जनवरी-फरवरी में सर्दियों के दौरान औसत तापमान सामान्य था, शेष 10 महीनों में मौसमों के अलग-अलग प्रभाव के दौरान यह सामान्य से ऊपर रहा. आईएमडी के मुताबिक पिछले साल देश में प्री-मानसून अवधि असाधारण रूप से गर्म थी. इस आधार पर मार्च और अप्रैल 2022 के महीने के दौरान 6 दिनों से अधिक समय तक तापमान सामान्य से लगातार 3 डिग्री सेल्सियस से 8 डिग्री सेल्सियस अधिक था.इस तरह देश के कई हिस्सों में बीते दशक या कई हिस्सों में कुछ सर्वकालिक रिकॉर्ड टूटे. रिपोर्ट में कहा गया है कि 29 अप्रैल 2022 तक लगभग 70 फीसदी भारत लू से प्रभावित था.
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