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विदेश मंत्री दो दिवसीय दौरे आज जाएंगे रूस, इन मुद्दों पर होगी चर्चा

दिल्ली में भले ही कैबिनेट फेरबदल (Cabinet Reshuffle) और मंत्रिमंडल का विस्तार हो रहा हो लेकिन विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर (External Affairs Minister S. Jaishankar) राजनयिक संबंधों को नई धार देने में जुटे हैं.

Updated on: 06 Jul 2021, 11:47 PM

highlights

  • द्विपक्षीय मुद्दों के अलावा वैश्विक व्यवस्था पर चर्चा
  • रूसी विदेश मंत्री सेर्गे लावरोव से मुलाकात
  • प्रिमाकोव इंस्टीट्यूट ऑफ वल्र्ड इकोनॉमी एंड इंटरनेशनल रिलेशंस में संबोधन

दिल्ली :

दिल्ली में भले ही कैबिनेट फेरबदल (Cabinet Reshuffle) और मंत्रिमंडल का विस्तार हो रहा हो लेकिन विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर (External Affairs Minister S. Jaishankar) राजनयिक संबंधों को नई धार देने में जुटे हैं. विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर 7 से 9 जुलाई के बीच रूस के दौरे पर होंगे. अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान विदेश मंत्री रूसी विदेश मंत्री सेर्गे लावरोव से मुलाकात करेंगे और इस दौरान द्विपक्षीय मुद्दों के अलावा वैश्विक व्यवस्था और आपकी सम्बंधो पर गहन विचार विमर्श होगा. अपने दौरे में विदेश मंत्री भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए आधार तैयार करने और दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने को लेकर बातचीत करेंगे.

विदेश मंत्री एस जयशंकर की रूसी समकक्ष के साथ व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक सहयोग के साथ-साथ रक्षा क्षेत्र में संबंधों पर भी चर्चा होने की संभावना है. बयान में कहा गया है कि जयशंकर मॉस्को में प्रतिष्ठित प्रिमाकोव इंस्टीट्यूट ऑफ वल्र्ड इकोनॉमी एंड इंटरनेशनल रिलेशंस में बदलती दुनिया में भारत-रूस संबंधों पर बोलेंगे. इस दौरे में कोविड 19 के खिलाफ साझी लड़ाई और स्पूतनिक वैक्सीन की सप्लाई पर भी दोनो नेताओं के बीच बात होगी. इस दौरे में विदेश मंत्री रूस के उप प्रधानमंत्री मिस्टर ययूरी बोसिरोव से भी मिलेंगे. इस मुलाकात के एजेंडे में ट्रेड, इकॉनमी, साइंस टेक और कल्चर जैसे मसले शामिल हैं. मॉस्को स्थिति प्राइमाकोव इंस्टिट्यूट ऑफ वर्ल्ड इकॉनमी एंड इंटरनेशनल रिलेशन में डॉ जयशंकर का एक स्पीच भी होगा जिसका मुख्य विषय बदलते वैश्विक परिवेश में भारत रूस गठजोड़ है.

इस उच्चस्तरीय दौरे से भारत और रूस के बीच दोनों देशों के संबंधों को नयी मजबूती मिलेगी. बता दें कि अप्रैल के महीने में ही रूसी विदेश मंत्री भारत आये थे और उन्होंने स्पुतनिक वैक्सीन के भारत मे सप्लाई पर अंदरूनी सहमति बनी थी.

इस साल की शुरुआत में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फोन पर बातचीत में रूस और भारत के बीच सभी क्षेत्रों में विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई थी. दोनों नेताओं के बीच इससे पहले मुलाकात सितंबर 2019 में व्लादिवोस्तोक में हुई थी। राष्ट्रपति पुतिन का इस साल के अंत में भारत आने का कार्यक्रम है.