विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को यहां कहा कि आतंकवाद एशिया में लोगों के लिए ‘‘सबसे गंभीर खतरा’’ है. साथ ही, आतंकवादियों और उनकी हरकतों से पीड़ितों को एक ही नजर से नहीं देखा जाना चाहिए. नये विदेश मंत्री जयशंकर पांचवें सीआईसीए सम्मेलन के लिए शुक्रवार को यहां पहुंचे. ताजिकिस्तान की राजधानी में आयोजित एशिया में बातचीत एवं विश्वास बहाली (सीआईसीए) के पांचवें सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि सीआईसीए के सदस्य देश आतंकवाद के पीड़ित हैं. उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद सबसे गंभीर खतरा है जिसका हम एशिया में सामना कर रहे हैं.सीआईसीए सदस्य देश इसके पीड़ित हैं और इसलिए यह स्पष्ट होना चाहिए कि आतंकवादियों और उनकी हरकतों से पीड़ितों को एक ही नजर से नहीं देखा जाए.'
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गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किर्गिज गणराज्य की राजधानी बिश्केक में एससीओ शिखर सम्मेलन को शुक्रवार को संबोधित करते हुए आतंकवाद को प्रोत्साहन और सहायता देने वाले और धन मुहैया करने वाले देशों की आलोचना की थी। उन्होंने पाकिस्तान का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा था कि ऐसे देशों को जवाबदेह ठहराया जाए.
सीआईसीए एक अखिल एशिया मंच है जो एशिया में सहयोग बढ़ाता है और शांति, सुरक्षा एवं स्थिरता को प्रोत्साहित करता है'
सम्मेलन से पहले जयशंकर का ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमान ने स्वागत किया.
भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर (S. Jaishankar) तजाकिस्तान (Tajikistan) में ईरान के विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ़ (Mohammad Javad Zarif) से मुलाकात की. तजाकिस्तान के दुशांबे में दोनों नेताओं के बीच मुलाकात हुई. भारत के विदेश मंत्री जयशंकर पांचवें सीआईसीए (CICA) सम्मेलन में हिस्सा लेने वहां गए हुए हैं.
Tajikistan: External Affairs Minister Dr. S. Jaishankar met Foreign Minister of Islamic Republic of Iran, Mohammad Javad Zarif, in Dushanbe, today. pic.twitter.com/GzGPSmUdZK
सीआईसीए(CICA) के सम्मेलन के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने तजाकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमान से मुलाकात की. सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा- 'इंटरनेशनल सोलर अलायंस' की हमारी पहल को भारी समर्थन मिला है. 74 देशों ने आज इस फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.'