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प्रधानमंत्री को पत्र लिखने वाले 6 छात्रों का निष्कासन रद्द, वर्धा के आयुक्त ने कारण बताओ नोटिस जारी की

प्रधानमंत्री की महाराष्ट्र में कई जगहों पर होने वाली रैलियों से कुछ ही समय पहले इन छात्रों के निष्कासन को वापस लिया गया है

Updated on: 13 Oct 2019, 11:59 PM

नई दिल्ली:

हंगामे के बाद, वर्धा के केंद्रीय महात्मा गांधी हिंदी विश्वविद्यालय ने रविवार को अपने कदम वापस खींचते हुए दलित व पिछड़े समुदायों से संबद्ध छह शोध छात्रों के निष्कासन को रद्द कर दिया. प्रधानमंत्री की महाराष्ट्र में कई जगहों पर होने वाली रैलियों से कुछ ही समय पहले इन छात्रों के निष्कासन को वापस लिया गया है. कांग्रेस ने इन छात्रों के मुद्दे को जोरशोर से उठाया था और निष्कासन का विरोध किया था. कांग्रेस के राज्य महासचिव सचिन सावंत ने महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव अधिकारी को पत्र देकर विश्वविद्यालय अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. जबकि, वर्धा के आयुक्त विवेक भीमानवर ने शुक्रवार को सभी छह छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी कर उन्हें 16 अक्टूबर को पेश होने के लिए कहा.

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इन छात्रों ने प्रधानमंत्री को पोस्टकार्ड लिखकर देश के मौजूदा सामाजिक, आर्थिक व सांप्रदायिक मुद्दों पर चिंता जताई थी. विश्वविद्यालय ने नौ अक्टूबर को इसी आधार पर इसे चुनाव संहिता का उल्लंघन और न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप बताते हुए निष्कासन नोटिस जारी की थी. आयुक्त का समन इसी के बाद आया. हालांकि, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने रविवार को निष्कासन को रद्द करने का पत्र जारी किया लेकिन छात्रों का कहना है कि अभी उनके समक्ष यह स्पष्ट नहीं है कि क्या अभी भी आयुक्त को उन्हें स्पष्टीकरण देना है या नहीं देना है. आयुक्त ने छात्रों से बैठक को बाद में सोमवार के लिए कर दिया था. राजनीतिक सूत्रों ने बताया कि सरकार को ऐन चुनाव से पहले विश्वविद्यालय का निष्कासन का निर्णय नहीं पंसद आया क्योंकि इसका भाजपा-शिवसेना पर विपरीत असर पड़ सकता था.