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CBI ( Photo Credit : File)
सीबीआई (CBI) ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Dy. cm. manish sisodia) को आबकारी नीति (Excise policy) मामले में पहला आरोपी बनाया है. इससे पहले सीबीआई ने दिल्ली के डिप्टी सीएम के निजी वाहन की तलाशी भी ली. आबकारी नीति मामले में एजेंसी दिल्ली-एनसीआर में कई जगहों पर छापेमारी कर रही है. तलाशी के दौरान सीबीआई ने एक 'लोक सेवक' के आवास से नई आबकारी नीति से संबंधित गोपनीय आधिकारिक फाइलें (दस्तावेज) जब्त किए. सूत्रों का कहना है कि ये दस्तावेज इस सरकारी कर्मचारी के आवास पर नहीं होने चाहिए थे. सीबीआई उस जगह का खुलासा नहीं कर रही है जहां से ये दस्तावेज जब्त किए गए हैं.
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज करने से पहले सक्षम अधिकारी से धारा 17 ए के तहत मंजूरी मांगी. मनीष सिसोदिया, दो आईएएस अधिकारी और एक अन्य अधिकारी समेत चार सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मंजूरी मांगी गई है. सूत्रों ने कहा कि इसके लिए मंजूरी दे दी गई है. इस बीच इस पूरे मामले पर बीजेपी पूरी तरह आक्रामक हो चुके हैं. बीजेपी ने कहा है कि अगर वे इतने साफ-सुथरे हैं तो उन्होंने शराब नीति वापस क्यों ली.
Delhi Deputy CM Manish Sisodia among 15 persons booked by name in the FIR filed by CBI. Excise officials, liquor company executives, dealers along with unknown public servants & private persons have too been booked in the case. pic.twitter.com/arq86vgUIT
— ANI (@ANI) August 19, 2022
आप पर हमला बोलते हुए बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने कहा, 'जब आपने करदाताओं के करोड़ों-करोड़ों रुपये लूटे हैं और शराब माफिया के साथ बैठकर शराब नीति बनाई है, तो आपकी जगह बाहर नहीं बल्कि जेल में है. उन्होंने आप के इस आरोप का भी खंडन किया कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई की छापेमारी राजनीति से प्रेरित है.
HIGHLIGHTS
- आबकारी नीति मामले में दिल्ली-एनसीआर में कई जगहों पर छापेमारी
- नई आबकारी नीति से संबंधित गोपनीय आधिकारिक फाइलें जब्त
- सीबीआई छापे के बाद पूरे मामले पर बीजेपी पूरी तरह आक्रामक