टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टेट) परीक्षा पास झारखंड के पारा शिक्षकों की सेवा को नियमित करने और समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग वाली एक एसएलपी पर सुनवाई करते हुए करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार को नोटिस जारी किया है। इसमें सरकार से पारा शिक्षकों की सेवा से जुड़े विभिन्न बिंदुओं पर जवाब देने को कहा गया है।
सनद रहे कि झारखंड के सरकारी विद्यालयों में हर महीने एक निश्चित मानदेय पर अनुबंध के आधार पर तकरीबन साठ हजार शिक्षक कार्य करते हैं। इन्हें पारा शिक्षक के रूप में जाना जाता रहा है। हालांकि कुछ महीने पूर्व सरकार ने इनका पदनाम सहायक अध्यापक कर दिया है।
इन पारा शिक्षकों ने अपनी सेवा के नियमितीकरण एवं समान कार्य के बदले समान वेतन देने को लेकर पहले झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। झारखंड हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर 2022 को इसपर फैसला सुनाते हुए सुनील कुमार यादव एवं अन्य की याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकृत करते हुए झारखंड सरकार को नोटिस जारी किया है।
झारखंड हाईकोर्ट में पारा शिक्षकों के मामले की सुनवाई के दौरान झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा वर्ष 2021 में गठित कमेटी की रिपोर्ट पेश की गई थी। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से कहा गया था कि पारा शिक्षकों को जो वेतन मिलता है वह सहायक शिक्षक के बराबर मिलना चाहिए। यह कहा गया कि वे लंबे समय से पारा शिक्षक के रूप में काम कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें रेगुलराइज किया जाना चाहिए। इसके अलावा समान कार्य के बदले समान वेतन उन्हें दिया जाये।
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Source : IANS