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मनमोहन सिंह( Photo Credit : फाइल)
अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर मोदी सरकार को सवालों के घेरे में लते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को कहा कि मौजूदा सरकार मंदी शब्द को स्वीकार ही नहीं करती और वास्तविक खतरा यह है कि यदि समस्याओं की पहचान नहीं की गयी तो सुधारात्मक कार्रवाई के लिए विश्वसनीय हल का पता लगाए जाने की संभावना नहीं है. मोंटेक सिंह अहलूवालिया की पुस्तक बैकस्टेज के लोकार्पण के मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए, सिंह ने कहा कि योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष ने संप्रग सरकार के अच्छे बिंदुओं के साथ ही उसकी कमजोरियों के बारे में भी लिखा है.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह: हमारे पास एक ऐसी सरकार है जो स्वीकार ही नहीं करती कि "मंदी" जैसा कोई शब्द भी होता है। यदि आप समस्याओं का सामना नहीं कर सकते, तो आपको सुधार के लिए विश्वसनीय जवाब मिलने की संभावना न के बराबर हो जाएगी। pic.twitter.com/ihuJgxkUhP
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 19, 2020
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पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे लगता है कि इन मुद्दों पर बहस होगी और इस पर चर्चा होनी चाहिए क्योंकि आज ऐसी सरकार है जो मंदी जैसे किसी शब्द को स्वीकार नहीं करती है. मुझे लगता है कि यह हमारे देश के लिए अच्छा नहीं है. उन्होंने कहा, ‘यदि आप उन समस्याओं की पहचान नहीं करते जिनका सामना आप कर रहे हैं, तो आपको सुधारात्मक कार्रवाई के लिए विश्वसनीय हल मिलने की संभावना नहीं है. यह असली खतरा है.'
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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि यह पुस्तक देश के विकास के लिए बहुत मददगार होगी. सिंह ने 1990 के दशक में अर्थव्यवस्था के उदारीकरण में उन्हें समर्थन देने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंह राव, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और अहलूवालिया द्वारा निभाई गई भूमिका की सराहना की और वह विभिन्न तबकों के प्रतिरोध के बावजूद सुधारों को पूरा करने में सफल हो सके. (इनपुट - भाषा)
Source : News Nation Bureau