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चीन भरोसे के लायक नहीं, भविष्य में बढ़ सकती है डोकलाम जैसी घटनाएं: पूर्व शीर्ष कंमाडर

शुक्रवार को इंडिया इंटरनैशनल सेंटर में ‘डोकलाम रीविजिटेड’ नामक विषय पर संगोष्ठी के दौरान दोनों पूर्व कमांडरों ने कहा कि चीन के कदमों से ऐसा लगता है कि भविष्य में डोकलाम जैसी और घटनाएं हो सकती है।

Updated on: 15 Sep 2018, 10:25 AM

नई दिल्ली:

भारतीय सेना के दो पूर्व कमांडरों ने चीनी सेना की ओर से उठाए जा रहे कदमों पर संदिग्धता जताते हुए डोकलाम जैसी और घटनाएं होने की आशंका जताई है।

शुक्रवार को इंडिया इंटरनैशनल सेंटर में ‘डोकलाम रीविजिटेड’ नामक विषय पर संगोष्ठी के दौरान दोनों पूर्व कमांडरों ने कहा कि चीन के कदमों से ऐसा लगता है कि भविष्य में डोकलाम जैसी और घटनाएं हो सकती है।

उन्होंने कहा कि इससे निपटने की तैयारी के लिए भारतीय सेना को प्रभावित सीमावर्ती क्षेत्रों में आधारभूत संरचना बनाने की आवश्यकता है।

डोकलाम में भारत और चीन के बीच गतिरोध के दौरान सेना के पूर्वी कमांड का नेतृत्त्व करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) प्रवीण बख्शी ने कहा कि वह सरकार के आभारी हैं क्योंकि सरकार ने उन्हें इसे लेकर कदम उठाने की पूरी स्वतंत्रता दी थी। उनके मुताबिक यह चीनी सैनिकों को रोकने के लिए उचित कदम रहा। 

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पूर्व उत्तरी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा (सेवानिवृत्त) ने पिछले कुछ सालों में भारत और चीन सैनिकों के बीच डोकलाम, चुमार और डेमचोक गतिरोध के बारे में बात करते हुये कहा कि तीनों घटनाएं अलग-अलग हैं। हालांकि इनके पीछे का मकसद भी अलग-अलग हो सकता है, लेकिन इन सबसे एक समान पैटर्न उभर कर निकला है।

उन्होंने इंडिया इंटरनैशनल सेंटर में ‘डोकलाम रीविजिटेड’ नामक विषय पर संगोष्ठी के दौरान उन्होंने यह बात कही।

लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने कहा कि जिस तरह की घटनाएं हमें देखने को मिल रही हैं भविष्य में ऐसी और घटनाएं देखने को मिलेंगी।

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उन्होंने कहा कि अगर ये घटनाएं वैसी जगहों पर होंगी जहां आधारभूत संरचनाएं विकसित नहीं हुई हैं तो यह चिंता की बात होगी।