अरुणाचल प्रदेश: कलिखो पुल की पत्नी ने CJI को लिखा पत्र वापस लिया

अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल की पत्नी दंगविम्साई पुल ने सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) जस्टिस जे.एस.केहर को लिखा खत गुरुवार को वापस ले लिया।

अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल की पत्नी दंगविम्साई पुल ने सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) जस्टिस जे.एस.केहर को लिखा खत गुरुवार को वापस ले लिया।

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Jeevan Prakash
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अरुणाचल प्रदेश: कलिखो पुल की पत्नी ने CJI को लिखा पत्र वापस लिया

फाइल फोटो (Image Source- Gettyimages)

अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल की पत्नी दंगविम्साई पुल ने सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) जस्टिस जे.एस.केहर को लिखा खत गुरुवार को वापस ले लिया। उन्होंने कहा कि वह मामले की न्यायालय में सुनवाई नहीं चाहतीं, बल्कि प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई चाहती हैं। उन्होंने कहा कि पत्र में उठाए गए मुद्दे पर वह प्रशासनिक महकमे के माध्यम से कार्रवाई चाहते हैं।

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दंगविम्साई पुल का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने संकेत दिया कि मुद्दे को लेकर वह उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के पास जा सकते हैं, क्योंकि उनके पति के सुसाइट नोट में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का नाम भी शामिल है।

दंगविम्साई ने प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति केहर को लिखे अपने पत्र में राजनीतिज्ञों तथा कुछ न्यायाधीशों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।

वकील दुष्यंत दवे ने न्यायालय से कहा कि मामले को उन्हें अस्वीकार कर देना चाहिए, क्योंकि वह इसकी सुनवाई न्यायालय से नहीं कराना चाहते, जिसके बाद न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल तथा न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की सर्वोच्च न्यायालय की एक पीठ ने दंगविम्साई को अपना पत्र वापस लेने की मंजूरी दे दी।

दंगविम्साई ने भारत के प्रधान न्यायाधीश को एक पत्र लिखकर मांग की थी कि उनके पति ने बीते साल नौ अगस्त को अपनी मौत से पहले कथित तौर पर जो सुसाइड नोट लिखा है, उसके आधार पर एक प्राथमिकी दर्ज कर जांच कराई जाए।

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दवे ने जानना चाहा कि किसके निर्देश पर न्यायालय की रजिस्ट्री ने मामले को पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूची में शामिल किया, जबकि इसका समाधान प्रशासनिक महकमे द्वारा किया जाना था।

उन्होंने सवाल उठाया कि पत्र की सुनवाई की व्यवस्था कोर्ट नंबर 13 में ही क्यों, कोर्ट नंबर तीन, चार या पांच में क्यों नहीं की गई।

दवे ने कहा कि मामले की सुनवाई कोलकाता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सी.एस.करनन की अध्यक्षता में सात न्यायाधीशों की एक पीठ कर रही है, फिर उसी मामले को दो न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूची में डाला गया।

वरिष्ठ वकील ने एक संवैधानिक पीठ के फैसले का सहारा लेते हुए कहा कि पत्र में उठाए गए मुद्दे का समाधान प्रशासनिक महकमे की तरफ से होना चाहिए।

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उल्लेखनीय है कि कलिखो पुल बीते साल नौ अगस्त को अरुणाचाल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में अपने आधिकारिक आवास पर मृत पाए गए थे। उन्होंने 60 पन्नों का एक नोट छोड़ा था, जिसमें उन्होंने कई शीर्ष राजनीतिज्ञों तथा सर्वोच्च न्यायालय के वकीलों पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था।

इससे पहले, पुल की पहली पत्नी दंगविम्साई ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की मांग की थी। उन्होंने दावा किया था कि अरुणाचल प्रदेश की सरकार पुल की मौत के मामले की जांच में दिलचस्पी नहीं ले रही है।

Source : IANS

cbi Supreme Court Kalikho Pul Arunachal
      
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