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म्यांमार में कार्रवाई के बाद 'तय' था पाकिस्तान पर होगा सर्जिकल स्ट्राइक: पूर्व सेना प्रमुख

पूर्व थलसेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग ने कहा कि जब हमने म्यांमार में स्ट्राइक की थी तभी ये तय हो गया था की अगर कोई बड़ा घटना होता है तो हम इस तरीके की कार्रवाई करेंगे।

Updated on: 29 Sep 2017, 11:58 PM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान के आतंकवाद पर भारत के सर्जिकल स्ट्राइक का एक साल पूरा हो चुका है। पिछले साल 28-29 सितंबर की दरमियानी रात को भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में दाखिल होकर आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था।

तब के सेना प्रमुख रहे दलबीर सिंह सुहाग ने शुक्रवार को कहा कि इसका क्रेडिट जवानों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी जाता है।

पूर्व थलसेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग ने कहा, 'जब हमने म्यांमार में स्ट्राइक की थी तभी ये तय हो गया था की अगर कोई बड़ा घटना होता है तो हम इस तरीके की कार्रवाई करेंगे। इसलिए हमने म्यांमार के बाद से ही तैयारी शुरु कर दी थी, हमें बहुत समय मिला इसलिए हमारी जो तैयारी थी और रणनीति थी वो परफेक्ट थी और हमें सफलता मिली।'

सुहाग ने कहा कि हमने तय किया था की हमें सफलता हर हालत में चाहिए। मेरे आदेश भी जवानों को बहुत क्लियर थे की हमें इस प्लानिंग को अंजाम देना है और कोई भी नुकसान नहीं हो। अगर कोई नुकसान होता है तो जवान को हर हालत में वापस लाया जाएगा। उसे किसी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा।

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उन्होंने कहा, 'सितंबर 2016 में पहले म्यांमार फिर पाकिस्तान में हमने सर्जिकल स्ट्राइक की। ये दोनों ही स्ट्राइक सफल रही और इस स्ट्राइक में हमारा कोई भी जवान मारा नहीं गया।'

उन्होंने कहा, 'जैसे ही पीएम मोदी ने इसे मंजूरी दी हमने पीएम को कहा था की हम पूरी तरीके से तैयार है और हमारे अंदर वो क्षमता है और हम विजयी होंगे। कोई संदेह नहीं था सिर्फ आदेश का इंतजार था।

सुहाग ने कहा मैं मानता हूं की सर्जिकल स्ट्राइक से देश की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत ऊपर गया।

आपको बता दें कि भारतीय सेना ने जून 2015 में म्यांमार में नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-खापलांग (एनएससीएन-के) के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की थी। यह स्ट्राइक मणिपुर में एनएससीएन (के) द्वारा 18 जवानों की हत्या करने के बाद की गई थी।

उसके बाद भारत ने उरी आतंकी हमले का बदला लेते हुए पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक किया था। भारत ने उरी हमले के लिए पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को दोषी ठहराया है। इस हमले में भारत के 19 सैनिक शहीद हुए थे।

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