चुनाव आयोग ने कहा- सभी चुनावों में होगा VVPAT का इस्तेमाल, लेकिन केजरीवाल का सवाल हैकेथॉन से पीछे क्यों हटे
ईवीएम की विश्वसनीयता पर देश की विभिन्न पार्टियों के सवालों के बीच निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को कहा कि भविष्य में होने वाले सभी चुनावों में वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा।
highlights
- चुनाव आयोग ने कहा, आगामी सभी चुनावों में वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा
- केजरीवाल ने कहा, दुख की बात है कि चुनाव आयोग हैकाथॉन से पीछे हट गया
- चुनाव आयोग ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर चर्चा करने के लिए 55 दलों की बैठक बुलाई थी
नई दिल्ली:
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर देश की विभिन्न पार्टियों के सवालों के बीच निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को कहा कि भविष्य में होने वाले सभी चुनावों में वोटर-वेरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी ने सर्वदलीय बैठक के बाद कहा, 'आयोग ने राजनीतिक दलों के समक्ष कहा है कि भविष्य में जितने भी चुनाव होंगे, उनमें वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा।'
राजनीतिक दल अब भी संतुष्ट नहीं
सर्वदलीय बैठक के बाद भी ईवीएम के मसले पर राजनीतिक दल संतुष्ट नहीं है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दुख की बात है कि चुनाव आयोग हैकाथॉन से पीछे हट गया।
Sad that EC has backed out of hackathon.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 12, 2017
ऐसी खबर आई थी कि चुनाव आयोग ने ईवीएम हैकिंग चुनौती (हैकेथॉन) का आयोजन करेगी।
वहीं टीएमसी ने मतपत्र से चुनाव कराने की मांग की है। चुनाव आयोग की तरफ से आयोजित सर्वदलीय बैठक में शिरकत करने के बाद तृणमूल कांग्रेस के उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने कहा, 'हम कह चुके हैं कि ईवीएम पूरी तरह विश्वसनीय नहीं हैं और हमने दृढ़तापूर्वक मांग की है कि निर्वाचन आयोग भविष्य में होने वाला चुनाव मतपत्रों के माध्यम से कराए।'
सर्वदलीय बैठक
चुनाव आयोग ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर चर्चा करने के लिए 7 राष्ट्रीय पार्टियों और 48 क्षेत्रीय पार्टियों की बैठक बुलाई थी। जिसमें आयोग ने ईवीएम मशीन पर प्रेजेंटेशन दी और ईवीएम के सिक्योरिटी फीचर्स पर एक रिपोर्ट पेश की।
कैसे उठा ईवीएम पर सवाल
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) मुखिया मायावती के ईवीएम में छेड़छाड़ किए जाने का मुद्दा उठाया था, जिसे आप, सपा और कांग्रेस समेत अन्य दलों का समर्थन मिला था।
कांग्रेस के नेतृत्व में अन्य विपक्षी दलों का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से इस मसले पर मिलकर बैलेटे पेपर से चुनाव कराए जाने की मांग कर चुका है। इसके बाद आयोग ने सर्वदलीय बैठक बुलाने का ऐलान किया था।
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