गुजरात चुनाव को लेकर कांग्रेस की ओर से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस को किसी भी तरह की राहत न देते हुए चुनाव आयोग को कोई भी निर्देश देने से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। लोकतंत्र में चुनाव प्रक्रिया अत्यंत महत्वपूर्ण है और केवल एक पार्टी की आशंका को दूर करने के लिए इसमें हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता।
हालांकि कोर्ट ने कहा कि अगर गुजरात कांग्रेस चुनावी प्रकिया में सुधार को लेकर याचिका दायर करती है तो वह उसे सुनने को तैयार है।
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आपको बता दें कि कांग्रेस ने एग्जिट पोल के दावों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
गुजरात कांग्रेस सचिव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर वोटर वेरिएबल पेपर ट्रेल (वीवीपीएटी) की 25 प्रतिशत पर्चियों के वोटों से मिलान करने की मांग की थी।
पार्टी ने याचिका मे मांग की थी कि सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में चुनाव आयोग को आदेश दे। कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी पैरवी कर रहे थे।
गौरतलब है कि गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए हुए मतदान के दौरान भी कांग्रेस ने ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत की थी।
राज्य में 9 दिसंबर को हुए पहले चरण के मतदान में विभिन्न जगहों से ईवीएम और वीवीपैट में गड़बड़ी को लेकर 100 से ज्यादा शिकायतें दर्ज कराई गई थीं।
कांग्रेस नेता अर्जुन मोडवाडिया ने आरोप लगाया था कि पोरबंदर में ईवीएम को ब्लूटूथ से जोड़ा जा सकता था और इसमें छेड़छाड़ की जा सकती थी। हालांकि चुनाव आयोग ने आरोपों को खारिज कर दिया था।
गुजरात में दूसरे चरण के चुनाव से पहले 12 दिसंबर को निर्वाचन आयोग(ईसीआई) ने कहा था कि राज्य में वीवीपीएटी मशीनों की 100 प्रतिशत उपलब्धता से चुनाव प्रकिया में 'मतदाताओं का आत्मविश्वास बढ़ा' है।
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Source : News Nation Bureau