जम्मू कश्मीर के उरी में हुए आतंकी हमले में देश ने अपने 18 वीर सूपतों को खो दिया है। बीते रविवार को सेना के 12 ब्रिगेड मुख्यालय पर हुए इस हमले में पाकिस्तान से आए चारो आतंकियों को भी भारतीय सेना ने मौके पर ही ढेर कर दिया।सुरक्षा एजेंसियां हमले में पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद का हाथ होने की आशंका जता रही है। इसमें भी जैश के उन्हीं हैंडलर्स का नाम आ रहा है जिन्होंने जनवरी 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हुए आंतकी हमले को अंजाम दिया था।
आखिर कौन है जैश ए मोहम्मद
जैश ए मोहम्मद एक पाकिस्तानी चरमपंथी और आतंकी संगठन है जिसकी स्थापना भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादी मौलाना मसूद अजहर ने साल 2000 में की थी। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य जम्मू कश्मीर को भारत से अलग करना है लेकिन जैश ए मोहम्मद अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के खिलाफ होने वाले आतंकवादी गतिविधियों में भी शामिल रहा है। जैश ए मोहम्मद ना सिर्फ कश्मीर घाटी में अशांति फैलाता रहा है बल्कि देश पर हुए कई बड़े हमलों में भी इसकी बड़ी भूमिका रही है।
जैश ए मोहम्मद के काले कारनामे
1. साल 1999 में एयर इंडिया के विमान संख्या ic814को जो भारत से नेपाल जा रहा था उसे इस संगठन के आतंकियों ने हाईजैक कर लिया था और कन्दहार लेकर चले गए थे। भारतीय यात्रियों की जान बचाने के लिए भारत सरकार को जैश ए मोहम्मद संगठन के संस्थापक और आतंकियों के आका मसूद अजह को रिहा करना पड़ा था।
2. दिल्ली में 2001 में संसद भवन पर हुए आतंकी हमले के लिए भी सरकार ने इसी संगठन को जिम्मेदार ठहराया था और हमले के मुख्य आरोपी अफजल गुरु पर जैश ए मोहम्मद के साथ मिलकर हमले के लिए साजिश रचने का आरोप लगाया था। अफजल गुरु को भारत सरकार ने 9 फरवरी 2013 को फांसी पर लटका दिया था।
3.जनवरी 2016 में पंजाब के पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले में भी संदिग्धों के इस आतंकी संगठन से होने के लिंक सुरक्षा एजेंसियों को मिले थे
4. फरवरी 2002 में जैश ए मोहम्मद पर एक अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल की गला काटकर हत्या करने का भी आरोप है
5. मई 2009 में अमेरिका में कुछ लोगों को जैश के सदस्य होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था । गिरफ्तार किए गए सभी लोगों पर यहूदी मंदिर और अमेरिकी सैन्य विमानों को उड़ाने की साजिश रचने का आरोप था
कौन है मसूद अजहर
मसूद अजहर का नाम उस वक्त सुर्खियों में आया था जब साल 1999 में एयर इंडिया के विमान को अगवा कर आतंकी काबुल के कन्दहार ले गए थे और वाजपेयी सरकार को धमकी दी थी कि अगर सरकार ने मसूद अजहर को नहीं छोड़ा तो वो सभी भारतीय यात्रियों को मार देंगे। भारतीय नागरिकों को बचाने के लिए सरकार ने उसे छोड़ दिया जिसके बाद से आजतक कभी भी मसूद अजहर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के हाथ नहीं आया है। इससे पहले भी साल 1995 में आतंकियों ने मसूद अजहर को जेल से छुड़ाने की कोशिश की थी लेकिन सरकार ने उनकी बात नहीं मानी थी जिसके बाद आतंकियों ने अपहृत किए गए सभी पर्यटकों को मार दिया था
अंतर्राष्ट्रीय पाबंदी
साल 2001 में भारत के संसद भवन पर आतंकी हमला होने के बाद अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के दबाव में पाकिस्तान ने दिखावे के लिए इस संगठन पर पाबंदी लगा दी लेकिन इसके बाद मौलान मसूद अजहर ने संगठन का नाम बदलकर खुद्दाम उल इस्लाम कर दिया। भारत के अलावा अमेरिका, और ब्रिटने ने भी इस संगठन को बैन आतंकवादी संगठनों की कालू सूची में शामिल कर दिया है।
Source : कुणाल कौशल