भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है नोटबंदी के बाद बैंकों में वापस लौटी रकम के बारे में मीडिया में आ रही खबरें गलत भी हो सकती हैं।
आरबीआई ने कहा कि विभिन्न करेंसी चेस्ट द्वारा की गई इंट्री को वास्तविक रूप से मौजूद नकदी के साथ मिलाने की आवश्यकता है ताकि एकाउंटिंग की गलतियों और दुबारा गिनती किये जाने से बचा जा सके।
सरकार ने कहा था कि 30 दिसम्बर की समय सीमा तक पुराने 1000 और 500 के नोट बैंकों में वापस लिये जाएंगे।
आरबीआई की तरफ से जारी एक बयान में कहा, "हमारे द्वारा समय-समय पर एसबीएन (स्पेसिफाइड बैंक नोट्स) के आंकड़े जारी किए जाते हैं, जो कि देशभर के बड़ी संख्या में चेस्ट में की गई इंट्री के एकीकरण पर आधारित होते हैं।"
बयान में कहा गया है, "30 दिसम्बर 2016 को पुराने नोट जमा कराने की समय सीमा बीत चुकी है। अब इन चेस्ट से मिले आंकड़ों को वास्तवतिक कैश बैलेंस के साथ मिलाने की जरूरत है, ताकि एकाउंटिंग की गलतियों या दोबारा गिनती से बचा जा सके, जिसकी काफी अधिक संभावना है।"
इसमें कहा गया कि आरबीआई नोटबंदी के बाद के आंकड़ों की सही तस्वीर बताने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है, ताकि जल्द से जल्द सही आंकड़े जारी हो सकें।
Source : News Nation Bureau