कांग्रेस की अल्पसंख्यक विंग ने तमिलनाडु में इरोड रेलवे स्टेशन का नाम पेरियार के नाम पर रखने की मांग की है। इसके लिए पार्टी ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को पत्र लिखा है कि इरोड रेलवे जंक्शन का नाम ई.वी. रामास्वामी पेरियार या थानथाई पेरियार, जो तमिलनाडु के बड़े समाज सुधारक थे, के नाम पर रखा जाय।
अल्पसंख्यक विंग ने शुक्रवार को लिखे पत्र में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को बताया कि क्षेत्र में रेलवे के विकास में पेरियार के योगदान को नहीं भूलना चाहिए।
जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष केएन बाशा ने एक बयान में कहा कि जब अंग्रेजों ने चेन्नई के रोयापुरम से केरल के कोझीकोड तक रेलवे ट्रैक बिछाने का प्रस्ताव रखा, तो पेरियार के पिता वेंकटप्पा नायिकर ने परियोजना के लिए अपनी जमीन दान कर दी थी।
पत्र में, बाशा ने उल्लेख किया कि वेंकटप्पा नायकर ने अपने लोगों को रेलवे ठेकेदार के पास भेज कर वेंडीपलयम रोड पर बन रहे रेलवे स्टेशन में मदद देने को कहा था।
उन्होंने कहा कि जब अंग्रेज तिरुचि से इरोड तक रेलवे लाइन का विस्तार करने की योजना बना रहे थे, तो वे ऐसा नहीं कर सकते थे क्योंकि 300 एकड़ जमीन के मालिक अन्नामलाई पिल्लई ने अंग्रेजों को जमीन दान करने से मना कर दिया था। बाशा ने कहा कि यह पेरियार के पिता के चलते ही संभव हो पाया कि अन्नामलाई पिल्लई ने रेलवे परियोजना के लिए 1 लाख रुपये में जमीन दे दी।
पत्र में उन्होंने कहा कि 1925 में इरोड जंक्शन रेलवे स्टेशन की स्थापना की गई थी। उन्होंने कहा कि जिस तरह चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर डॉ. एम.जी. रामचंद्रन सेंट्रल रेलवे स्टेशन रखा गया, उसी तरह इरोड जंक्शन का नाम भी बदलकर थंथई पेरियार रेलवे जंक्शन किया जाय।
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Source : IANS