प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कहा कि श्रीनगर में उसके जोनल कार्यालय ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर, बडगाम, कुपवाड़ा और अनंतनाग जिलों में 10 स्थानों पर पाकिस्तानी संस्थानों और विश्वविद्यालयों में छात्रों के प्रवेश के माध्यम से आतंक-वित्त पोषण से संबंधित एक मामले में तलाशी अभियान चलाया है।
एक अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान स्थित संस्थानों में विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में जम्मू-कश्मीर के छात्रों के प्रवेश के बहाने आतंकवाद संबंधी गतिविधियों के लिए धन जुटाया गया।
ईडी ने कहा कि, प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच से पता चला है कि ये प्रवेश वास्तव में तकनीकी सहायता कार्यक्रम का हिस्सा थे, और आमतौर पर विदेशी छात्रों को या तो मुफ्त या मामूली शुल्क पर वार्षिक आधार पर पेश किया जाता था। हालांकि, छात्रों पर भारी शुल्क लगाया जा रहा था और अर्जित अतिरिक्त धन को पाकिस्तान स्थित आकाओं के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर में रहने वालों के निर्देश पर असंख्य तरीकों से आतंकवाद का समर्थन करने के लिए लगाया गया था।
ईडी के अनुसार, जांच साजिशकतार्ओं की संलिप्तता से संबंधित थी, जो पाकिस्तान स्थित कॉलेजों, संस्थानों और विश्वविद्यालयों में एमबीबीएस सहित विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में जम्मू और कश्मीर के छात्रों के प्रवेश में हेरफेर या व्यवस्था करने वाली कुछ शिक्षा परामर्श फर्मों के साथ हाथ मिला रहे थे।
ईडी ने यूएपीए और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की। मोहम्मद अकबर भट उर्फ जफर भट, फातिमा शाह, अल्ताफ अहमद भट, काजी यासिर, मोहम्मद अब्दुल्ला शाह, सबजार अहमद शेख, मंजूर अहमद शाह, मोहम्मद इकबाल मीर, सैयद खालिद गिलानी उर्फ खालिद अंद्राबी के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी।
उन पर पाकिस्तान स्थित संस्थानों में विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में जम्मू-कश्मीर के छात्रों के प्रवेश के बहाने आतंकी गतिविधियों के लिए धन जमा करने में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। अधिकारी ने कहा कि अब तक एक करोड़ रुपये के अपराध की आय निर्धारित की गई है, जिसमें कहा गया है कि ऐसे तत्वों द्वारा पाकिस्तान में विभिन्न संस्थानों में भर्ती कराए गए छह लोगों की पहचान की गई है।
तलाशी अभियान के दौरान, अचल संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज और घोटाले से संबंधित डिजिटल उपकरणों सहित अत्यधिक आपत्तिजनक भौतिक संपत्ति बरामद की गई और जब्त की गई।
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Source : IANS