प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि उसने बैंक धोखाधड़ी मामले में डायमंड पावर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और अन्य की भूमि, आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियों के रूप में 26.25 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। इसके साथ ही मामले में कुल 1,128.97 करोड़ रुपये की कुर्की हुई है।
ईडी के एक अधिकारी ने कहा, हमने डायमंड पावर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (डीपीआईएल) और उसके पूर्व निदेशकों, प्रमोटरों और उनके परिवार के सदस्यों की संपत्ति कुर्क की। यह एक बैंक धोखाधड़ी का मामला है। 2018 में हमने आरोपी से संबंधित 1,122.72 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी।
ईडी ने डीपीआईएल और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 आर/डब्ल्यू 120-बी और धारा 13(2) के साथ धारा 13(2) के तहत अपराध के लिए दर्ज सीबीआई मामले के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की।
ईडी द्वारा की गई जांच में खुलासा हुआ कि डीपीआईएल ने 19 बैंकों और संस्थानों के एक संघ से सावधि ऋण/कार्यशील पूंजी ऋण, बाहरी वाणिज्यिक उधार और गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर का लाभ उठाया था।
ईडी ने पाया कि डीपीआईएल ने बैंकों से उच्च ऋण सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए मुखौटा कंपनियों के साथ कागजी लेनदेन का इस्तेमाल किया था। इसके बाद इसने वित्तीय संस्थानों के कंसोर्टियम को 2,654.4 करोड़ रुपये के नुकसान के कारण सभी फंडों को डायवर्ट कर दिया।
ईडी अधिकारी ने कहा, बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व में 19 बैंकों के संघ को यह भारी नुकसान हुआ और उन्होंने सीबीआई से संपर्क किया। बाद में हमने मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम का मामला भी दर्ज किया।
ईडी पहले ही 2018 में आरोपी के खिलाफ अभियोजन शिकायत (चार्जशीट) दायर कर चुकी है। यह विशेष पीएमएलए कोर्ट, अहमदाबाद के समक्ष दायर की गई थी।
ईडी अधिकारी ने कहा कि मामले में आगे की जांच जारी है।
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Source : IANS