प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चेन्नई के लोगों से कहा है कि शहर के व्यवसायी धनराज कोचर और उनके परिवार ने जिन लोगों से पैसे और संपत्ति की धोखाधड़ी की है, वे एजेंसी से संपर्क करें।
केंद्र सरकार की एजेंसी ने 29 और 30 सितंबर को कोचर और उनके व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के परिसरों पर छापेमारी की थी और अभी भी चेन्नई में भोले-भाले लोगों से उनके परिवार द्वारा प्राप्त धन और संपत्ति का मिलान करने की प्रक्रिया जारी है।
एजेंसी ने एक बयान में कहा कि उन्होंने छह स्थानों पर छापेमारी की और लगभग 250 करोड़ रुपये की जब्ती की, जिसमें 1.5 करोड़ रुपये नकद, 11 करोड़ रुपये के सोने और हीरे के आभूषण और जमीन जायदाद के लगभग 150 दस्तावेज शामिल हैं।
कुल 40 लोगों ने पहले ही शिकायतें दर्ज कराई हैं और ईडी को उम्मीद है कि इस सिलसिले में और अधिक लोग शिकायत कराएंगे। इसी प्रयास के तहत ईडी ने अन्य पीड़ितों से इस बाबत शिकायत करने का आह्वान किया है।
एजेंसी के अनुसार, कोचर और उनके तीन बेटों इंद्रचंद, सुरेश और रमेश सहित उनके परिवार के सदस्यों ने संपत्ति के दस्तावेजों को खाली बैंक चेक के साथ लेकर नकद में ऋण की पेशकश करके साजिश और धोखाधड़ी की थी।
ईडी ने कहा कि कोचर परिवार ने अपने नाम और प्रॉमिसरी नोट में जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी ले ली और उनकी जब्ती में तीसरे पक्ष की संपत्ति के दस्तावेज शामिल हैं।
ईडी ने कहा कि चाहे किसी ने पैसे दिए हों या नहीं, कोचर अपने नाम पर जमीन ट्रांसफर करते थे और ईडी को इसकी शिकायत मिली और छापेमारी की।
ईडी ने यह भी कहा कि कोचर 24 प्रतिशत से 48 प्रतिशत प्रति वर्ष की ब्याज दर वसूल कर रहे थे जो कि तमिलनाडु प्रोहिबिशन ऑफ चार्जिग अत्यधिक ब्याज (टीएनपीसीईआई ) अधिनियम का उल्लंघन था।
ईडी के अधिकारियों ने कहा कि विभाग कुछ दिनों से कोचर परिवार द्वारा जब्त किए गए धन और दस्तावेजों की जांच कर रहा है और उम्मीद है कि और लोग एजेंसी से संपर्क करेंगे।
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Source : IANS