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प्रवर्तन निदेशालय ने नारदा स्टिंग मामले में धनशोधन का केस किया दर्ज

यह विवाद पश्चिम बंगाल में बीते साल मार्च में तब शुरू हुआ, जब नारदा न्यूज पोर्टल ने कई वीडियो फूटेज अपलोड किए, जिनमें कथित तौर पर टीएमसी के कुछ वरिष्ठ नेता एक जाली कंपनी का पक्ष लेने के बदले में पैसे लेते दिखे थे। इन नेताओं में पूर्व और मौजूदा मंत्री, सांसद और विधायक शामिल थे।

Updated on: 28 Apr 2017, 07:29 PM

नई दिल्ली:

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं के खिलाफ नारदा स्टिंग में कथित संलिप्तता को लेकर धन शोधन (मनी लांडरिंग) का एक मामला दर्ज किया। इस स्टिंग में आरोपियों ने एक फर्जी कंपनी का पक्ष लेने के लिए पैसे लिया था। अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, 'हमने धन शोधन निवारक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत टीएमसी नेताओं के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है।'

ईडी ने यह कदम केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा नारदा मामले में 17 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के सत्तारूढ़ टीएमसी के दर्जन भर वरिष्ठ नेताओं और आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज करने के 10 दिन बाद उठाया है।

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कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 17 मार्च को इस मामले में सीबीआई को एक प्राथमिक जांच शुरू करने का आदेश दिया था। अदालत ने संघीय जांच एजेंसी से 72 घंटे के अंदर एक रिपोर्ट सौंपने को कहा था।

यह विवाद पश्चिम बंगाल में बीते साल मार्च में तब शुरू हुआ, जब नारदा न्यूज पोर्टल ने कई वीडियो फूटेज अपलोड किए, जिनमें कथित तौर पर टीएमसी के कुछ वरिष्ठ नेता एक जाली कंपनी का पक्ष लेने के बदले में पैसे लेते दिखे थे। इन नेताओं में पूर्व और मौजूदा मंत्री, सांसद और विधायक शामिल थे।

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