प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि उसने पीएमएलए मामले में इंजाज इंटरनेशनल की 20.16 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को कुर्क किया है, जिसका प्रतिनिधित्व उसके सहयोगी मिस्बाहुद्दीन एस. और सुहैल अहमद शरीफ करते हैं।
ईडी ने कहा कि आरोपियों ने अपराध की आय हासिल की और उसे विभिन्न अचल संपत्तियों के रूप में जमा किया।
ईडी ने प्राइज चिट्स एंड मनी सकुर्लेशन स्कीम्स (बैनिंग) एक्ट, इंडियन पीनल कोड और चिट फंड्स एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत इंजाज इंटरनेशनल और उससे जुड़े समूह के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की।
इस मामले में अपराध की आय 80.99 करोड़ रुपये है।
ईडी द्वारा की गई जांच से पता चला कि इंजाज इंटरनेशनल और उसके सहयोगियों ने धोखाधड़ी के इरादे से 2015 से 2017 के दौरान बड़ी संख्या में निवेशकों से उनके निवेश के खिलाफ अवास्तविक रिटर्न का अनुमान लगाकर धन एकत्र किया और बाद में उन्हें ऐसे निवेशों से धोखा दिया और आम लोगों का पैसा कभी वापस नहीं किया।
ईडी ने कहा, इंजाज इंटरनेशनल के बैंक खाते से धन का भारी विचलन हुआ था और इन निधियों को बाद में अपराध की आय को कम करने के लिए भागीदार संस्थाओं के बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया गया था और उन्हें बेदाग संपत्तियों के रूप में पेश किया जा रहा था। इस प्रकार पहचान की गई अचल संपत्तियों में आवासीय फ्लैट, आवासीय भूमि और गैर-कृषि भूमि शामिल है।
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Source : IANS