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ईडी ने सिंडिकेट बैंक धोखाधड़ी मामले में 56.81 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की

ईडी ने सिंडिकेट बैंक धोखाधड़ी मामले में 56.81 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की

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IANS
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Enforcement Directorate

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि उन्होंने भारत बम, शंकर लाल खंडेलवाल और उनके सहयोगियों को 1,267.79 करोड़ रुपये के सिंडिकेट बैंक ऋण धोखाधड़ी से संबंधित धन शोधन रोकथाम मामले के संबंध में कृषि भूमि, भूखंडों, दुकानों, कार्यालयों, फ्लैटों, एफडी और बैंक खातों के रूप में 56.81 करोड़ रुपये की अचल और चल संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क की है।

वर्तमान कुर्की के साथ मामले में कुल कुर्की 537.72 करोड़ रुपये है।

इससे पहले, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पूर्ववर्ती सिंडिकेट बैंक (अब केनरा बैंक) के अधिकारियों और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के साथ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत कई प्राथमिकी दर्ज की थीं। सीबीआई ने गहन जांच के बाद आरोपी के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था।

ईडी ने प्राथमिकी और संघीय जांच एजेंसी की चार्जशीट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ पीएमएलए के तहत जांच शुरू की।

ईडी को अपनी जांच में पता चला कि 2011 और 2016 के बीच मुख्य जालसाज भारत बम, उदयपुर (राजस्थान) स्थित चार्टर्ड अकाउंटेंट ने बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से तत्कालीन सिंडिकेट बैंक से 1,267.79 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की।

ईडी ने कहा, धोखेबाजों के तौर-तरीकों में उनके नाम पर या परिवार के सदस्यों के नाम पर ऋण स्वीकृत करना शामिल था। आरोपी ने भारत बम द्वारा नियंत्रित शेल कंपनियों के माध्यम से फर्जी चेक जारी किया। धोखेबाजों द्वारा ऋण कभी नहीं चुकाया गया।

ईडी ने आगे पाया कि धोखाधड़ी से उत्पन्न अपराध की आय को भारत बम द्वारा आरोपी द्वारा संचालित/नियंत्रित विभिन्न बैंक खातों में प्लेसमेंट, लेयरिंग और दागी धन के एकीकरण के लिए लेनदेन के जटिल चक्रव्यूह के माध्यम से स्थानांतरित किया गया था।

आरोपी ने इन दागी धन को अपने, अपने परिवार के सदस्यों, सहयोगियों, कर्मचारियों, आदिवासी व्यक्तियों, फर्जी फर्मों, कंपनियों आदि के नाम पर अचल संपत्तियों में निवेश किया।

ईडी ने अब तक 478.66 करोड़ रुपये की संपत्ति की संचयी कुर्की के लिए चार कुर्की आदेश जारी किए थे। साथ ही डिमांड ड्राफ्ट के रूप में 2.25 करोड़ रुपये की जब्ती भी की गई।

मामले में आगे की जांच जारी है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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