प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि उसने एनएसआईसी और बैंकों को 173.50 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के मामले में देबब्रत हालदार, राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी) के अधिकारियों और अन्य के खिलाफ अभियोजन शिकायत (आरोपपत्र) दाखिल किया है।
ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत कोलकाता की विशेष ईडी अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया गया है।
ईडी ने चार्जशीट में उल्लेख किया है कि आरोपी कथित रूप से बैंक गारंटी के गलत तरीके से इन्वोकेशन/फर्जी बैंक गारंटी का इन्वोकेशन करने में शामिल थे, जिस कारण बैंकों को नुकसान हुआ।
अधिकारी ने कहा कि अदालत ने पीएमएलए के तहत अपराध का संज्ञान लिया है।
शुरुआत में इस संबंध में सीआईडी, पश्चिम बंगाल द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गई थी। ईडी ने इस प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी।
ईडी अधिकारी ने कहा, एनएसआईसी/बैंक को उसकी कच्ची सामग्री सहायता योजना (आरएमए योजना) के तहत अन्य असंबद्ध संस्थाओं की बैंक गारंटी (बीजी) और विभिन्न शाखाओं द्वारा जारी किए जाने वाले नकली बीजी जमा करके आपराधिक साजिश के तहत कुल 173.50 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया गया।
अधिकारी ने कहा कि अपनी आरएमए योजना के तहत प्राप्त एनएसआईसी फंड को विभिन्न फर्जी आपूर्तिकर्ता फर्मो के खातों के माध्यम से देबब्रत हालदार (बिचौलिया), उत्पल सरकार और राहुल पॉल (एमएसएमई और आपूर्तिकर्ता फर्म के लाभकारी मालिक) ने तत्कालीन एनएसआईसी और यूबीआई के अधिकारी के साथ मिलीभगत से धन की हेराफेरी की थी।
पीएमएलए स्पेशल कोर्ट ने उत्पल सरकार और राहुल पॉल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है।
देवव्रत हालदार को 2021 में गिरफ्तार किया गया था और 14 दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया गया था। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में है।
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Source : IANS