केंद्र सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organisation) को लेकर बड़ा कदम उठाने जा रही है. जिससे 79 लाख नौकरी करने वालों को बड़ी राहत मिलेंगी. इसके तहत केंद्र सरकार 4,800 करोड़ रुपए खर्च करेगी.
दरअसल, रिटायरमेंट फंड बॉडी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने कर्मचारियों और कंपनियों की मदद के लिए के लिए एक विशेष मैकेनिज्म तैयार किया है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने यह मैकेनिज्म प्रधानमंत्री गरीबी कल्याण योजना (PMGKY) के लिए तैयार किया है. जिसके तहत केंद्र सरकार 4,800 करोड़ रुपये खर्च करेगी.
श्रम मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि 26 मार्च को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) के तहत किये गये ऐलान के मुताबिक केंद्र सरकार सब्सक्राइबर्स के EPS और ईपीएफ (EPF) अकाउंट्स में इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिज्म के तहत क्रेडिट करेगी.'
इसे भी पढ़ें:EPFO: 6 करोड़ कर्मचारियों को आज मिल सकती है बड़ी खुशखबरी, दोगुनी हो सकती है पेंशन
केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान ऐलान किया था कि अगर कोई कर्मचारी ईपीएफ के तहत आनेवाली संस्था में काम करता है तो उसके ईपीएस और ईपीएफ में अगले तीन महीने तक सरकार योगदान देगी. यह सुविधा केवल उन्हीं कर्मचारियों की मिल सकेगी जिस कंपनी में कर्मचारियों की संख्या 100 है और 90 प्रतिशत कर्मचारी की सैलरी 15 हजार से कम हो.
इसके तहत करीब 79 लाख कर्मचारी और 3.8 लाख कंपनियों को लाभ मिलेगा. जानकारी की मानें तो मोदी सरकार को इस पर तीन महीनों में 4,800 करोड़ रुपये खर्च करनी पड़ेगी.
और पढ़ें:प्राइवेट नौकरी करने वालों को भी मिलेगी पेंशन! मोदी सरकार की बड़ी तैयारी
जिस मैकेनिज्म को तैयार किया गया है उसके तहत अधिकृत संस्था या ईकाई इलेक्ट्रॉनिक चालान-कम-रिटर्न (ECR) के तौर पर क्लेम कर सकती हैं. सब्सक्राबर्स के यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) में केंद्र सरकार द्वारा EPF और EPS में यह योगदान ECR के तौर पर दर्शाया जायेगा.