आपातकाल की 47वीं बरसी: योगी-शाह ने कांग्रेस को दिखाया आईना, BJP ने बोला हमला
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आपातकाल को याद करते हुए ट्विटर पर लिखा, '1975 में आज ही के दिन कांग्रेस ने सत्तामोह में रातो-रात हर भारतीय के संवैधानिक अधिकारों को छीन आपातकाल थोपा व निर्दयता में विदेशी शासन को भी पीछे छोड़ दिया.
highlights
- आपातकाल की 47वीं बरसी आज
- बीजेपी ने कांग्रेस पर बोला हमला
- योगी-शाह ने आपातकाल को लेकर कांग्रेस को निशाने पर लिया
नई दिल्ली:
भारत में आपातकाल 25 जून 1975 को लगा था. 25 जून के दिन को भारत के लोकतंत्र का काला दिन माना जाता है और उसके बाद से 2 साल तक का आपातकाल का सदस्य काले दिनों की तरह माने जाते हैं. नागरिक अधिकार छीन लिये गए थे. विपक्ष जेल में था. हर तरफ पुलिस राज था. संगीनों के साए में काम चल रहे थे. प्रेस पर कड़ा नियंत्रण था, और सबकुछ स्क्रीनिंग के बाद ही छपता था. फिल्मों के प्रिंट जब्त कर लिये गए और भी बहुत कुछ. इंदिरा गांधी की सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने देश पर आपातकाल लागू कर दिया था. खैर, 25 दिन अब भी आता है हर साल और हर बार लोग उस दिन को याद करते हैं, जब उनकी आजादी एक बार फिर से छीन ली गई थी. आज आपातकाल को लागू करने के दिन की 27वीं बरसी हैं. तो बीजेपी नेता कांग्रेस को उसके पुराने कर्म याद दिला रहे हैं. इस दौरान बीजेपी नेता शहादत को भी याद कर रहे हैं.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आपातकाल को याद करते हुए ट्विटर पर लिखा, '1975 में आज ही के दिन कांग्रेस ने सत्तामोह में रातो-रात हर भारतीय के संवैधानिक अधिकारों को छीन आपातकाल थोपा व निर्दयता में विदेशी शासन को भी पीछे छोड़ दिया. इस तानाशाही मानसिकता के विरुद्ध लोकतंत्र की पुनर्स्थापना के महायज्ञ में अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले सभी देशभक्तों को नमन'
1975 में आज ही के दिन कांग्रेस ने सत्तामोह में रातो-रात हर भारतीय के संवैधानिक अधिकारों को छीन आपातकाल थोपा व निर्दयता में विदेशी शासन को भी पीछे छोड़ दिया।
— Amit Shah (@AmitShah) June 25, 2022
इस तानाशाही मानसिकता के विरुद्ध लोकतंत्र की पुनर्स्थापना के महायज्ञ में अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले सभी देशभक्तों को नमन। pic.twitter.com/ErYCkrPqp3
योगी आदित्यनाथ ने लोकतंत्र सेनानियों को किया नमन
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लिखते हैं, 'आज ही के दिन वर्ष 1975 में परिवारवादी संगठन 'कांग्रेस' ने देश पर 'आपातकाल' थोप कर भारत के गौरवशाली लोकतंत्र का गला घोंटने का कुत्सित प्रयास किया था. आपातकाल की कठोर यंत्रणाओं को सहन कर देश में लोकतंत्र बहाली के लिए संघर्ष करने वाले सभी लोकतंत्र सेनानियों को कोटिशः नमन. जय हिंद!'
आज ही के दिन वर्ष 1975 में परिवारवादी संगठन 'कांग्रेस' ने देश पर 'आपातकाल' थोप कर भारत के गौरवशाली लोकतंत्र का गला घोंटने का कुत्सित प्रयास किया था।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 25, 2022
आपातकाल की कठोर यंत्रणाओं को सहन कर देश में लोकतंत्र बहाली के लिए संघर्ष करने वाले सभी लोकतंत्र सेनानियों को कोटिशः नमन।
जय हिंद!
देश कभी कांग्रेस को नहीं करेगा माफ
सत्यदेव पचौरी ने भी इमरजेंसी के दौर को याद किया. उन्होंने लिखा, 'स्वतंत्र भारत के इतिहास का सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल है, 'आपातकाल' जिसमे कांग्रेस की सत्ता की भूख ने देश में लोकतंत्र की हत्या कर जनता पर अत्याचार की हद पारकर दी. आपातकाल के लिए देश कभी कांग्रेस को माफ़ नहीं कर पायेगा.'
स्वतंत्र भारत के इतिहास का सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल है, 'आपातकाल' जिसमे कांग्रेस की सत्ता की भूख ने देश में लोकतंत्र की हत्या कर जनता पर अत्याचार की हद पारकर दीl
— Satyadev Pachauri (@sdPachauri1) June 25, 2022
आपातकाल के लिए देश कभी कांग्रेस को माफ़ नहीं कर पायेगाl#Emergency1975#Emergency pic.twitter.com/0vbv96zwmy
गिरिराज सिंह बोले-हिटलर जैसी थीं इंदिरा गांधी
बीजेपी के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने सरकारी जुल्म के पीड़ितों के लिए सहानुभूमि जगाई और इंदिरा गांधी को हिटलर करार दिया. गिरिराज सिंह ने लिखा, 'आपातकाल हमारे लोकतंत्र पर एक काला धब्बा है जब कांग्रेस ने भारत के संविधान को खत्म कर दिया और इंदिरा गांधी सत्ता के लिए हिटलर बन गईं. उन सभी को सलाम जिन्होंने संविधान की रक्षा के लिए अत्याचार सहे.'
आपातकाल हमारे लोकतंत्र पर एक काला धब्बा है जब कांग्रेस ने भारत के संविधान को खत्म कर दिया और इंदिरा गांधी सत्ता के लिए हिटलर बन गईं।
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) June 25, 2022
उन सभी को सलाम जिन्होंने संविधान की रक्षा के लिए अत्याचार सहे।
21 महीने तक चला था भारत में आपातकाल का दौर
गौरतलब है कि 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक की 21 महीने की अवधि में भारत में आपातकाल लागू था. तत्कालीन राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार की सिफारिश पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के अधीन देश में आपातकाल की घोषणा की थी. स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद काल था.
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