पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बयां की थी इमरजेंसी लगाने की असली वजह

आपातकाल का कांग्रेस के दामन पर एक ऐसा दाग है जो कभी भी मिट नहीं सकता है.

author-image
yogesh bhadauriya
एडिट
New Update
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बयां की थी इमरजेंसी लगाने की असली वजह

25 जून, 1975 को लगा था देश में आपातकाल

25 जून, 1975 को भारत में आपातकाल यानि इमरजेंसी घोषित की गई थी. ये दिन भारत के इतिहास में कभी भी ना बदलने वाला दिन बन गया. आपातकाल का कांग्रेस के दामन पर एक ऐसा दाग है जो कभी भी मिट नहीं सकता है. 1975 में इंदिरा गांधी पर इलाहाबाद उच्च न्याय ने जैसे ही एक फैसला दिया वैसे ही इमरजेंसी की नींव पड़ गई. वहीं विपक्षी दलों ने उन पर जमकर हमला करना शुरू कर दिया था. विपक्ष का कहना था कि ', उन्होंने यह सरकार की सभी राष्ट्रीय गतिविधियों को पंगु बनाने के लिए किया था. वहीं आपातकाल की घोषणा के एक हफ्ते बाद, प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने टाइम्स ऑफ इंडिया के एम शमीम को एक इंटरव्यू दिया था. वहा इंदिरा गांधी ने अपने जवाब में कहा, कि देश के बाहर कई लोग हैं जो हमारे शुभचिंतक नहीं हैं और जो भारत को मजबूत और एकजुट होना और अपने आर्थिक कार्यक्रमों को आगे ले जाना पसंद नहीं करते हैं. यह उनकी इच्छा और उनके प्रयास थे और हमारे देशवासी भी इस प्रक्रिया में फंस गए.

Advertisment

यह भी पढ़ें- आपातकाल के दौरान जब विपक्ष के सभी बड़े नेता थे जेल में तब नरेंद्र मोदी कर रहे थे ये काम

इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद पड़ गई थी इमरजेंसी की 'नींव'

साल 1975 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी को चुनाव में धांधली करने का दोषी पाया गया था. उसके बाद उन पर 6 सालों तक कोई भी पद संभालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. उस वक्त देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी न्यायालय के इस फैसले को कैसे बर्दाश्त कर सकती थी. इंदिरा गांधी ने कोर्ट के इस फैसले को इंकार कर दिया और फिर सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की घोषणा की.

सिद्धार्थ शंकर राय ने इमरजेंसी लागू करने का दिया था सुझाव

इंदिरा गांधी कहां सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करने वाली थी. उन्होंने 25 जून को देश के लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी छिनते हुए इमरजेंसी लागू कर दी. इमरजेंसी इंदिरा गांधी के कहने पर लगाया गया था या इसमें किसी और का दिमाग था. इसे लेकर तरह-तरह की बातें सामने आई. लेकिन 25 जून 1975 की सुबह इंदिरा गांधी ने सबसे पहले जिसे याद किया वो नाम था पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री सिद्धार्थ शंकर राय का. सिद्धार्थ शंकर राय दिल्ली के बंग भवन में जब आराम कर रहे थे तब उनके पास इंदिरा जी का फोन आया और उन्हें 1 सफ़दरजंग रोड पर तलब किया गया. इंदिरा ने उनसे कहा कि पूरे देश में अव्यवस्था फैल रही है हमें कड़े फैसले लेने की जरूरत है. इंदिरा ने पश्चिम बंगाल के सीएम सिद्धार्थ को इसलिए बुलाया था क्योंकि वह संवैधानिक मामलों के विशेषज्ञ माने जाते थे.

Source : News Nation Bureau

Indra Gandhi Interview M. Shamim emergency Times of India Prime Minister Indra Gandhi Emergency Announcement
      
Advertisment