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News Nation के सवाल पर राहुल गांधी का जवाब, बजट में किसानों का अपमान

लोकसभा चुनाव से पहले ईवीएम को लेकर सियासत तेज़ हो गई है. विपक्षी पार्टियां चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की जगह बैलेट पेपर की मांग कर रही है.

Updated on: 02 Feb 2019, 08:44 AM

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव से पहले ईवीएम को लेकर सियासत तेज़ हो गई है. विपक्षी पार्टियां चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की जगह बैलेट पेपर की मांग कर रही है. इसी कड़ी में दिल्ली के कंस्टीटूशन क्लब में ईवीएम के खिलाफ विपक्षी पार्टियों की बैठक हुई. इस मुद्दे पर राहुल गांधी, शरद पवार, चंद्रबाबू नायडू थोड़ी देर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. किसानों के मुद्दे ओर राहुल गांधी की प्रतिक्रिया सामने आई. न्यूज नेशन के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि बजट में किसानों का अपमान किया है बजट में किसान को 17 रु रोजाना देकर अपमान किया है. इसके साथ ही केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि  लोकसभा चुनाव में मुद्दों की कमी नहीं है और मोदी सरकार पर सर्जिकल स्ट्राइक होगा. 

सरकार के किसानों को रोजाना 17 रु देने पर न्यूज नेशन ने कांग्रेस अध्यक्ष से सवाल किया. इसके जवाब में राहुल गांधी ने कहा, 'आप 15 लोगों के 35 लाख करोड़ का कर्ज माफ़ कर सकते हैं लेकिन किसानों को रोजाना सिर्फ 17 रूपये देंगे. ये अपमान नहीं तो और क्या है? बेरोज़गारी, किसान और संस्थानों पर हमला जैसे मुद्दों का ख्याल रख कर चुनाव लड़ा जाएगा. इसके साथ ही राफेल का मुद्दा होगा.' 

'सेव द नेशन, सेव द डेमोक्रेसी' (देश बचाओ, लोकतंत्र बचाओ) की बैठक में विपक्षी दल ईवीएम की संयुक्त रणनीति पर चर्चा की. इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, टीएमसी नेता सुदीप बंदोपाध्याय, डेरेक ओ ब्रेन, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, चंद्रबाबू नायडू, एनसीपी, आरजेडी पार्टियों के समेत कई नेता शामिल हुए. कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी पार्टियां ने ईवीएम को लेकर छेड़छाड़ का आरोप उठाती आई हैं. इसके साथ ही पार्टियों ने आगामी लोक सभा चुनाव में ईवीएम की जगह बैलट पेपर के इस्तेमाल की मांग की.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और वरिष्ठ बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) नेता सतीश चंद्र हाथ मिलते हुए नज़र आये. बता दें कि विपक्षी पार्टियां पहले भी दावा कर चुकी हैं कि दुनिया में दो-तीन देशों ही ईवीएम का इस्तेमाल करते हैं और बाकि देश चुनाव में बैलट पेपर का इस्तेमाल करते हैं. 

ये नेता बैठक में मौजूद
गुलाम नबी आज़ाद, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, अहमद पटेल (कांग्रेस), शरद पवार (एनसीपी) , रामगोपाल यादव (समाजवादी पार्टी) , शरद यादव (एलजेडी), संजय सिंह (आम आदमी पार्टी), उमर अब्दुल्ला (नेशनल कॉन्फ्रेंस), मनोज झा (आरजेडी), डी राजा (सीपीआई), अशोक कुमार सिंह (जेवीएम), जितिन राम मांझी (एचऐएम) आदि मौजूद हैं.

ईवीएम की विश्वसनीयता पर चुनाव आयोग पहले ही अपना रुख साफ़ कर चुका है. पूर्व चुनाव आयुक्त नवीन चावला ने ईवीएम को पूरी तरह सुरक्षित बताया. मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने भी ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाये जाना गलत करार दिया. उन्होंने साफ़ किया कि वह बैलट पेपर के युग में नहीं जाने वाले.

बता दें कुछ दिन पहले SKYPE के जरिये लंदन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शख्स ने दावा किया था कि 2014 में वह भारत से पलायन कर गया था, क्योंकि अपनी टीम के कुछ सदस्यों के मारे जाने की घटना के बाद वह डरा हुआ था. शख्स की पहचान सैयद शुजा के तौर पर हुई है. उसने दावा किया कि टेलीकॉम क्षेत्र की बड़ी कंपनी रिलायंस जियो ने कम फ्रीक्वेंसी के सिग्नल पाने में बीजेपी की मदद की थी ताकि ईवीएम मशीनों को हैक किया जा सके.

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कांग्रेस के अलावा बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, आप, टीडीप समेत कई अन्य विपक्षी दलों ने भी मामले पर गंभीर चिंता जताई और चुनाव आयोग से इसका संज्ञान लेने को कहा.