पुडुचेरी बिजली विभाग के इंजीनियर और कर्मचारी 8 जून से भूख हड़ताल कर बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ अपनी लड़ाई तेज करेंगे।
प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने कहा कि हड़ताल से विभाग के कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि इसे रोटेशन के आधार पर किया जाएगा।
कर्मचारी संघ के पी. वेलमुरुगन ने एक बयान में कहा कि केंद्रशासित प्रदेश में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी और हड़ताल से लोगों को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होगा।
विशेष रूप से, कर्मचारियों ने केंद्र और राज्य सरकारों को निजीकरण से दूर रखने की मांग करते हुए एक सप्ताह पहले पेन-डाउन हड़ताल की थी।
वेलमुरुगन ने कहा कि मुख्यमंत्री एन. रंगासामी ने आश्वासन दिया था कि कि कर्मचारियों और आम जनता की सहमति के बिना निजीकरण नहीं होगा, पर प्रक्रिया जारी है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने इस संबंध में अधीक्षक अभियंता से मुलाकात की है और उन्हें आगामी भूख हड़ताल की जानकारी दी है।
कर्मचारियों ने सरकार को सूचित किया है कि सरकारी कर्मचारियों के रूप में उनकी स्थिति को बरकरार रखा जाए और उनकी सेवा शर्तों को प्रभावित न किया जाए।
विपक्षी सेक्युलर प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक अलायंस (एसडीपीए) ने बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है।
नेताओं ने कहा कि सरकार के इस कदम के खिलाफ केंद्रशासित प्रदेश में विरोध प्रदर्शनों की एक श्रृंखला आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि निजीकरण से बिजली के बिल में पांच गुना वृद्धि होगी, नए कनेक्शन के लिए शुल्क में वृद्धि होगी।
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Source : IANS