देश में गहराया बिजली संकट, दिल्ली में भी Blackout का खतरा 

गर्मी बढ़ने (Heatwave) के साथ ही देश में बिजली संकट (Power cut) गहराने लगा है. देश में बिजली की मांग के मुताबिक आपूर्ति में कमी की वजह से देश की राजधानी दिल्ली (National Capital Delhi) समेत कई राज्यों में बिजली संकट गहर

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Iftekhar Ahmed
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देश में गहराया बिजली संकट, दिल्ली में भी Black Out का खतरा ( Photo Credit : File Photo)

गर्मी बढ़ने (Heatwave) के साथ ही देश में बिजली संकट (Power cut) गहराने लगा है. देश में बिजली की मांग और आपूर्ति (Demand and supply Mismatch of power ) में कमी की वजह से देश की राजधानी दिल्ली (National Capital Delhi) समेत कई राज्यों में बिजली संकट गहराने लगा है. बिजली संकट की वजह से इस चिलचिलाती गर्मी में भी घंटों बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, देश  की राजधानी दिल्ली में भी बिजली संकट गहराने के आसार हैं.  

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दरअसल, यहां पीक पावर डिमांड अप्रैल के महीने में बढ़कर 5735 मेगावाट तक पहुंच गई है, जो इस महीने की अब तक की सबसे ज्यादा मांग है. इससे पहले 30 अप्रैल 2019 को पीक पावर डिमांड सबसे ज्यादा 5664 मेगावाट थी. गौरतलब है कि इस वर्ष 1 अप्रैल 2022 से अब तक पीक पावर डिमांड में 2 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई है, जबकि 1 मार्च के बाद से अब तक पीक पावर डिमांड में 42 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. अगर मांग के मुताबिक बिजली की सप्लाई नहीं हुई तो राजधानी दिल्ली में बिजली कटौती का दौर देखने को मिल सकता है.

दूसरे राज्यों का भी है बुरा हाल
ऐसा नहीं है कि सिर्फ राजधानी दिल्ली पर ही बिजली संकट मंडरा रहा है, बल्कि देश के दूसरे राज्यों का भी बुरा हाल है. लगभग सभी राज्यों में बिजली मांग की तुलना में बिजली की आपूर्ति कम हो रही है. दिल्ली के पड़ोसी राज्य हरियाणा में अप्रैल महीने में बिजली की मांग 30 फीसदी बढ़ गई है. घरेलू बिजली की मांग पूरी करने के लिए सरकार ने उद्योगों में कट लगाने शुरू कर दिए हैं. गौरतलब है कि हरियाणा में अप्रैल में औसतन 6 हजार मेगावाट तक बिजली की मांग रहती थी. लेकिन इस बार बिजली की मांग 7 से 8 हजार मेगावाट तक पहुंच गई है. वहीं अगर पंजाब की बात करें तो पंजाब में भी लगातार बिजली संकट गहराता जा रहा है और आने वाले वक्त में जनता के साथ ही उद्योगों को भी लंबे बिजली कट का सामना करना पड़ सकता है.  पंजाब में इस वक्त करीब 15400 मेगावाट बिजली की मांग है, जबकि सप्लाई सिर्फ 13400 के आसपास ही हो पा रही है. वहीं, मई महीने में धान की बिजाई का सीजन आने पर ये मांग 16000 मेगावाट से भी ज्यादा पहुंचने संभावना है. वहीं, महाराष्ट्र में भी बिजली संकट देखने को मिल रहा है. महाराष्ट्र की बिजली की मांग 28000 मेगावाट प्रति दिन की है. एमएसईडीसीएल तकरीबन 24000 मेगावाट प्रति दिन की बिजली पैदा करती है. राज्य की मांग 4000 मेगावाट प्रति दिन से बढ़ी है. कोयले की कमी की वजह से बिजली संकट और भी बढ़ने के आसार है.

ये है बिजली संकट की वजह 
घरेलू स्तर के साथ आयातित कोयले की सप्लाई ( Coal Supply) प्रभावित होने से बिजली संकट का खतरा मंडराने लगा है. दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) के चलते भारत स्थित कोयला कंपनियों को विस्फोटक (Explosive) की आपूर्ति प्रभावित हुई है. पहले से विस्फोटक की कमी झेल रहीं कोयला कंपनियों को रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद और ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसके साथ ही कई राज्यों में बिजली की घंटों कटौती शुरू हो चुकी है. इससे औद्योगिक उत्पादन पर भी नकारात्मक असर हो रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक महाराष्ट्र अपने पावर प्लांट के लिए कोयले की कमी बता रहा है. झारखंड में कोयला खनन भी प्रभावित हुआ है. 

अमोनियम नाइट्रेट का बड़ा निर्यातक है रूस
कोयला मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार रूस ने अमोनियम नाइट्रेट (AN) के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. विस्फोटक बनाने में अमोनियम नाइट्रेट सबसे अहम रासायनिक उत्पाद है. इसके निर्यात पर प्रतिबंध से विस्फोटक बनाने वाली कंपनियां भी प्रभावित हुई हैं. इस वजह से कोयला कंपनियों को विस्फोटक मिलने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. दुनिया भर में रूस अमोनियम नाइट्रेट का बड़ा निर्यातक है. अपने देश में हाई डेंसिटी अमोनियम नाइट्रेट के मात्र चार निर्माता कंपनी हैं. वहीं, आठ निजी विस्फोटक कंपनियां एसएमई विस्फोटक की आपूर्ति कर रही हैं.

HIGHLIGHTS

  • गर्मी बढ़ने के साथ ही देश में गहराया बिजली संकट
  • मार्च के बाद पीक पावर डिमांड में 42% की बढ़ोतरी
  • सप्लाई नहीं बढ़ी तो दिल्ली में भी होगी बिजली कटौती

Source : News Nation Bureau

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