दिल्ली के बाहर केजरीवाल पंजाब और गोवा में चूके, जानिए क्या रही वजह
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में ऐतिहासिक जीत के बाद पंजाब और गोवा विधानसभा चुानाव 2017 में अपनी पार्टी का विस्तार करने का प्रयास किया। पंजाब के 117 और गोवा के 40 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतार कर पार्टी ने जीत का भरोसा भी जताया था।
नई दिल्ली:
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में ऐतिहासिक जीत के बाद पंजाब और गोवा विधानसभा चुानाव 2017 में अपनी पार्टी का विस्तार करने का प्रयास किया। पंजाब के 117 और गोवा के 40 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतार कर पार्टी ने जीत का भरोसा भी जताया था।
पंजाब में आम आदमी पार्टी की लहर भी दिख रही थी। नतीजों से पहले ऐसा लग रहा था कि आम आदमी पार्टी पंजाब में अपने दम पर बहुमत की सरकार बनाएगी। ड्रग्स, बेरोजगारी और किसानों की बदहाली के मुद्दे को पार्टी ने अपना चुनावी हथियार बनाया और राज्य में जमकर प्रचार किया। सरकार के मंत्री और कार्यकर्ता तो प्रचार कर ही रहे थे साथ ही कैनाडा में रह रहे NRI पंजाबी भी आम आदमी पार्टी के प्रचार में उतर आए। सबने 'आप' के पक्ष में वोट करने की अपील की।
पार्टी हर तरफ से राज्य में अकाली-बीजेपी गठबंधन और कांग्रेस के लिए एक टक्कर की पार्टी बन कर उभर रही थी कि अचानक पार्टी में फूट दिखी। मनीष सिसोदिया ने एक चुनावी सभा में लोगों से अपील की कि पार्टी को वोट अरविंद केजरीवाल के नाम पर करे। उनके इस बयान के बाद कयास लगने लगे की केजरीवाल आम आदमी पार्टी के जीत के बाद पंजाब में मुख्यमंत्री बनेंगे। आम आदमी पार्टी के हार के कारणों में एक कारण यह भी माना जा रहा है कि पार्टी के टिकट वितरण से पार्टी कार्यकर्ता पूरी तरह से संतुष्ट नहीं थे.
आम आदमी पार्टी की हार के एक बड़ा कारण पंजाब को दोआबा और माझा इलाके में में पार्टी के कमजोर संगठन का असर भी रहा है। इन इलाको में पार्टी का प्रदर्श न अचछा नहीं रहा। दोआबा और माझा को नजर अंदाज करने वाली आप पार्टी का पूरा ध्यान मालवा के जरिए सत्ता में पहुंचने का था। पार्टी इस इलाके में अपनी हवा की बात कह रही है मगर यहां भई पार्टी का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा। यहां भी कांग्रेस और अकाली दल सीटो के मामले में आगे रही हैं।
आम आदमी पार्टी पंजाब में 117 में से 20 सीट ही जीतने में कामयाब हो पाई हालाकि पार्टी राज्य में दूसरे नंबर पर रही लेकिन चुनाव जितने की उम्मीदों को झटका लगा।
और पढ़ें:केजरीवाल ने मानी हार, गोवा में सिफर और पंजाब में 'आप' रही दूसरे नंबर पर
आम आदमी पार्टी ने पंजाब के अलावा दूसरा राज्य जहां पांव पसारने की कोशिश की वह गोवा है। गोवा के 40 विधानसभा सीट पर पार्टी ने अपने उम्मीदवार उतारे थे। अरविंद केजरीवाल से लेकर सभी पार्टी के छोटे बड़े नेताओं ने कई रैलिया की और पार्टी का जमकर प्रचार किया।
पंजाब से अलग रणनीति अपनाते हुए पार्टी ने गोवा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए एल्विस गोम्स को पार्टी का चेहरा बनाया। पार्टी ने भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाया। उम्मीद की जा रही थी कि पार्टी गोवा में भी एक बेहतर विकल्प बन कर उबरेगी लेकिन यहां पंजाब से भी खराब स्थिति में पार्टी में रही। पार्टी गोवा में अपना खाता भी नहीं खोल पाई।
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दिल्ली के मुख्यमंत्री को इन दो राज्यों में हार के बाद इस बात पर सोचने की जरूरत है कि कहां पर उनसे चूक हुई जिस कारण उनके पार्टी का विस्तार करने के उम्मीदों को बढ़ झटका लगाा।
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