5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने कैबिनेट सेक्रेटरी पीके सिन्हा को चिट्ठी लिखकर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि बिना जानकारी दिए सरकार या कोई मंत्री ऐसे फैसले ना लें जिससे चुनाव पर असर होता हो।
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चुनाव आयोग ने चिट्ठी में विशेषतौर पर वित्त मंत्रालय, नीति आयोग और रक्षा मंत्रालय को फटकार लगाते हुए कहा है कि ये मंत्रालय चुनाव खत्म होने तक कोई भी ऐसा फैसला ना लें जिसका असर विधानसभा चुनाव वाले राज्यों की जनता पर पड़े।
4 जनवरी को विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद आयोग ने ये महसूस किया था कि सरकार के कुछ मंत्रालय और विभाग ऐसे फैसले ले रहे थे जिसका चुनाव वाले राज्यों पर असर पड़ सकता था। चिट्ठी में कहा गया है कि ऐसे मुद्दों पर कोई भी फैसला चुनाव आयोग को बिना जानकारी दिए ना लिए जाएं।
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चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक ये चिट्ठी इसलिए लिखी गई है क्योंकि जब वित्त मंत्रालय बजट की तारीख तय कर रहा था तो उस वक्त ये पहले से साफ था कि बजट पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पेश किए जाएंगे। लेकिन अब बजट उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, पंजाब और गोवा में विधानसभा चुनाव के दौरान ही बजट पेश किए जा रहे हैं।
20 जनवरी को नीति आयोग के ग्राम सभा कार्यक्रम आयोजित करने पर चुनाव आयोग ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम अब तभी आयोजित किए जाएं जब इन राज्यों में चुनाव खत्म हा जाएं।
चिट्ठी में चुनाव आयोग ने कैबिनेट सेक्रेटरी से कहा है वो इस बात का ध्यान रखें कि विधानसभा चुनाव के दौरान सरकार कोई भी ऐसा फैसला ना ले जिससे आदर्श चुनाव आचार संहिता का किसी भी तरीके से उल्लंघन हो।
चुनाव आयोग को सरकार को ये चिट्ठी इसलिए लिखनी पड़ी क्योंकि कांग्रेस ने शिकायत की थी कि बीजेपी सरकारी कार्यक्रमों के जरिए विधानसभा चुनाव में फायदा उठाने की कोशिश कर रही है।
Source : News Nation Bureau