चुनाव आयोग ने कहा है कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले इस साल के अंत तक वीवीपीएटी (वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) मशीनें पर्याप्त संख्या में उपलब्ध हो जाएगी।
चुनाव आयोग ने बुधवार को कहा है कि साल के अंत तक करीब 23.25 लाख ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) और 16.15 लाख मशीनें उपलब्ध होगी।
हालांकि चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि वीवीपीएटी मशीनों की उपलब्धता में देरी हुई है क्योंकि तकनीकी विशेषज्ञ समिति मशीनों के पहले खेप की तकनीकियों पर विश्लेषण कर रही है और इसमें सुधार की गुंजाइशों पर बता रही है।
चुनाव आयोग के अनुसार, सभी जरूरी ईवीएम मशीनों (13.95 लाख बैलट यूनिट और 9.3 लाख कंट्रोल यूनिट) का 30 सितंबर तक आपूर्ति हो जाएगा, वहीं वीवीपीएटी मशीनों का भी नवंबर के अंत तक वितरण कर दिया जाएगा।
आरटीआई जवाब के आधार पर एक समाचार रिपोर्ट को लेकर चुनाव आयोग ने कहा, '16.15 लाख वीवीपीएटी मशीनों के ऑर्डर किए जाने के 14 महीने बाद इस साल 19 जून तक बीईएल और ईसीआईएल की तरफ से सिर्फ 3.48 लाख मशीनें मिल पाई हैं। यानी डेडलाइन के तीन महीने पहले तक सिर्फ 22 फीसदी ही मशीनें आ पाई हैं।'
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समाचार रिपोर्ट में कहा गया था कि अगर 2019 का लोकसभा चुनाव तय समय से पहले कराया जाता है तो उसके लिए वीवीपीएटी मशीनें काफी नहीं होगी।
चुनाव आयोग ने कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव में सभी पोलिंग बूथों पर वीवीपीएटी मशीनों की सुविधा के लिए सरकारी कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, बेंगलुरू और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, हैदराबाद को मई 2017 में ऑर्डर दिया गया था।
चुनाव आयोग ने कहा, 'अभी तक सरकारी कंपनियों के द्वारा 5.88 लाख वीवीपीएटी मशीनें (बीईएल के द्वारा 4.36 लाख और ईसीआईएल के द्वारा 1.52 लाख) उत्पादन हो पाया है जो कि कुल आपूर्ति होने वाली मशीनों का 36 प्रतिशत है।'
आयोग के अनुसार, दोनों कंपनियों ने आश्वासन दिया है कि बांकी बचे 10.27 लाख वीवीपीएटी मशीनों का उत्पादन और अलग-अलग राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नवंबर 2018 तक पहुंचा दिया जाएगा।
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Source : News Nation Bureau