बंगाल और तमिलनाडु सहित 5 राज्यों में चुनाव की तारीख तय, 27 मार्च से मतदान, 2 मई को आएंगे सभी राज्यों के नतीजे
चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, पुडुचेरी और केरल विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है.
नई दिल्ली:
पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, पुडुचेरी और केरल विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि असम में तीन चरणों में चुनाव किया जाएगा पहले चरण का मतदान 27 मार्च को किया जाएगा. दूसरे चरण का मतदान 1 अप्रैल और तीसरे चरण का मतदान 6 अप्रैल को किया जाएगा. वहीं केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में एक ही चरण में 6 अप्रैल को मतदान होगा. सभी राज्यों के नजीते 2 मई को आएंगे. बोर्ड परीक्षाओं के मद्देनजर चुनाव आयोग ने पांचों राज्यों में विधानसभा चुनाव बोर्ड परीक्षाओं से पहले कराने का फैसला लिया है. मई में बोर्ड की परीक्षाएं होनी हैं.
बंगाल में 8 चरणों में चुनाव किए जाएंगे. सभी राज्यों के नजीते 2 मई को आएंगे. बोर्ड परीक्षाओं के मद्देनजर चुनाव आयोग ने पांचों राज्यों में विधानसभा चुनाव बोर्ड परीक्षाओं से पहले कराने का फैसला लिया है. मई में बोर्ड की परीक्षाएं होनी हैं. ऐसे में स्कूल और शिक्षकों को चुनाव में नहीं लगाया जा सकता है. ऐसे में परीक्षाओं से पहले चुनाव आयोग सभी राज्यों में नई विधानसभा का गठन कराने का फैसला लिया है. चुनाव आयोग का कहना है कि उन्होंने कोरोना प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए तमाम उपाय किए हैं. इसके साथ ही सुरक्षाबलों का पूरा बंदोबस्त कर लिया गया है.
सभी चुनाव कर्मियों को लगेगी
सुनील अरोड़ा ने कहा कि पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में 2.70 लाख बूथों पर मतदान किया जाएगा. इन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 824 सीटों पर मतदान किया जाना है. उन्होंने कहा कि चुनाव ड्यूटी में लगने वाले सभी कर्मचारियों को कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी. सभी को फ्रंट लाइन वर्कर माना जाएगा. असम में 33 हजार से ज्यादा पोलिंग स्टेशन होंगे. तमिलनाडु में 88 हजार से ज्यादा पोलिंग स्टेशन होंगे. पश्चिम बंगाल में 1 लाख 1 हजार से ज्यादा पोलिंग स्टेशन होंगे. केरल में 40 हजारे से ज्यादा पोलिंग बूथ. पुदुचेरी में 1500 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं.
उन्होंने कहा कि रोड शो में सिर्फ 5 गाड़ियों की इजाजत होगी. घर-घर चुनाव प्रचार में भी सिर्फ 5 लोगों को जाने की इजाजत होगी. नामांकन के वक्त सिर्फ दो लोग ही मौजूद रहेंगे. उन्होंने कहा कि सभी मतदान केंद्र ग्राउंड फ्लोर पर होंगे. सभी राज्यों में पैरामिलिट्री फोर्स तैनात की जाएगी. उन्होंने कहा कि बंगाल में दो पुलिस पर्यवेक्षक होंगे. मतदान का समय एक घंटा बढ़ाया गया है. 80 साल से ऊपर के लोगों को बूथ तक ले जाने की व्यवस्था की जाएगी. सी-विजिल एप के जरिए लोग सभी प्रकार की शिकायतें चुनाव आयोग से कर करेंगे.
कोरोना को ध्यान में रखते होंगे चुनाव
सुनील अरोड़ा ने कहा कि कोरोना के बाद हमने कई बातें सीखीं हैं. कठिन समय में सभी ने बेहतरीन काम किया है. उन्होंने कहा कि कोरोना को ध्यान में रखते हुए चुनाव किए जाएंगे. उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में बिहार चुनाव के दौरान इलेक्शन ड्यूटी पर गए लोगों की सहारना की. पिछले दो महीने में चुनाव आयोग के अधिकारियों ने सभी चुनावी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश का दौरा किया है. उन्होंने कहा कि बिहार में कोरोना के बाद भी अधिक मतदान हुआ.
पश्चिम बंगाल
बंगाल में विधानसभा की 294 सीटें हैं. पिछले दो बार से विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने शानदार प्रदर्शन किया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैट्रिक लगाने के लिए पूरी कोशिशें कर रही हैं. ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने पिछले चुनाव में सबसे ज्यादा 211 सीटें, कांग्रेस ने 44, लेफ्ट ने 26 और बीजेपी ने मात्र तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि अन्य ने दस सीटों पर जीत हासिल की थी.
असम
असम में विधानसभा की 126 सीटें हैं. पिछले चुनाव में यहां किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था. अगर विधानसभा की मौजूदा स्थिति की बात करें तो कांग्रेस के अभी 25 विधायक हैं. वहीं बीजेपी के 61 और उसके सहयोगी असम गण परिषद और बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट के क्रमश: 14 और 12 सदस्य हैं. सदन में एआईयूडीएफ के 13 सदस्य हैं और एक निर्दलीय सदस्य भी है. असम गण परिषद के 14 और बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट के 12 विधायकों के समर्थन से बीजेपी ने सरकार बनाई है.
तमिलनाडु
तमिलनाडु में विधानसभा की 234 सीटें हैं. अभी यहां एआईएडीएमके की सरकार है. पिछले विधानसभा चुनाव में एआईएडीएमके और उसके गठबंधन दलों ने 134 सीटों पर जीत हासिल की थी. डीएमके चुनाव में दूसरे नंबर पर रही थी. उसे सिर्फ 98 सीटों पर ही जीत मिली थी. हालांकि यहां डीएमके को कांग्रेस का साथ मिला है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानस्वामी हैं. यहां बहुमत के लिए 118 सीटों की जरूरत है.
केरल
केरल में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) की सरकार है. यहां विधानसभा की कुल 140 सीटें हैं. पिनारई विजयन केरल के मुख्यमंत्री हैं. अगल पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो एलडीएफ ने 91 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) को 47 सीटें मिली थीं. केरल में बहुमत के लिए 71 सीटों की जरूरत है. केरल में सरकार बनाने के लिए बीजेपी ने भी पूरा दम लगा रखा है.
पुडुचेरी
पुडुचेरी में इसी सप्ताह राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदला है. यहां विधान की 30 सीटें है. केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में वी. नारायण सामी मुख्यमंत्री थे लेकिन हाल ही में विधानसभा में बहुमत साबित ना करने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया. वर्तमान में यहां राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है. पिछले चुनाव में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 15 सीटें जीती थी. उसके बाद एआईएडीएमके को 4, एआईएनआरसी को 8, डीएमके को 2 और अन्य को 1 सीटें मिली थीं.
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