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चुनावी रैलियों में कोरोना प्रोटोकॉल को लेकर EC ने बुलाई ऑल पार्टी मीटिंग

चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को कोरोना को लेकर चेतावनी दी है साथ ही चुनाव प्रक्रिया के दौरान भी विशेष सख्ती और सजगता बरतने के निर्देश दलों के साथ ही राज्यों में मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेजे गए हैं.

Updated on: 14 Apr 2021, 07:05 PM

highlights

  • पांच राज्यों में हो रहे चुनाव के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल की खूब धज्जियां उड़ीं
  • चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को कोरोना को लेकर चेतावनी दी है
  • चुनाव प्रक्रिया के दौरान भी विशेष सख्ती और सजगता बरतने के निर्देश 

नई दिल्ली :

देश के पांच राज्यों में हो रहे चुनाव के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल की खूब धज्जियां उड़ीं. वहीं, अब जबकि विधानसभा चुनाव लगभग आधा खत्म हो चुका है. तो चुनाव आयोग को अब कोरोना प्रोटोकॉल की याद आ रही है. चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को कोरोना को लेकर चेतावनी दी है साथ ही चुनाव प्रक्रिया के दौरान भी विशेष सख्ती और सजगता बरतने के निर्देश दलों के साथ ही राज्यों में मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेजे गए हैं. चुनाव आयोग की निर्देशिका के अनुसार, चुनावी रैली और चुनाव प्रचार के दौरान सभी को मास्क और सामाजिक दूरी का पालन करना होगा.

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दरअसल, बंगाल में चुनाव प्रचार के दौरान जुट रही भीड़ और कोरोना प्रोटोकॉल की उड़ रही धज्जियां के बीच चुनाव आयोग ने अब 16 अप्रैल को कोलकाता में सर्वदलीय बैठक बुलाई है. आयोग इस बैठक में सभी दलों से कोरोना प्रोटोकॉल के पालन को लेकर बातचीत करेगा. बंगाल में चुनाव प्रचार के दौरान सभी दलों की ओर से आयोजित चुनावी रैलियों में भारी भीड़ जुट रही है. साथ ही प्रचार के दौरान कोरोना गाइडलाइंस का पालन बिल्कुल भी नहीं किया जा रहा है. 

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बता दें कि बिहार चुनाव के दौरान पिछले साल पहली बार ये निर्देशिका जारी की गई थी. आयोग ने बिहार विधान सभा चुनाव के दौरान 29 जुलाई 2020 को ये गाइडलाइन जारी की थी. चुनाव आयोग ने सभी चुनावी राज्यों की राजनीतिक पार्टियों और विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे उम्मीदवारों को पत्र लिखा है. चुनाव आयोग ने पत्र लिखकर कहा है कि वे कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती और पूरी निष्ठा से पालन करें.

आयोग ने दो टूक कहा है कि नियमों का पालन नहीं करने वालों की रैलियों, पब्लिक मीटिंग पर प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है. साथ ही स्टार प्रचारक के प्रचार करने पर भी पूरी तरह रोक लग सकती है. इसलिए सभी राजनीतिक पार्टियां इन  नियमों का पालन करें.