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विपक्षी दल पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव शुरू होने से ठीक तीन दिन पहले आम बजट को पेश किए जाने के फैसले का विऱोध कर रहे हैं

चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव से पहले बजट को रोके जाने की विपक्ष की मांग को सरकार से उसका जवाब मांगा है।

Updated on: 07 Jan 2017, 01:52 PM

highlights

  • चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव से पहले बजट को रोके जाने की विपक्ष की मांग को सरकार से उसका जवाब मांगा है
  • कैबिनेट सेक्रेटरी प्रदीप कुमार सिन्हा को पत्र लिखकर विपक्ष की मांग पर सरकार की प्रतिक्रिया मांगी है
  • विपक्षी दल सरकार से 8 मार्च के बाद बजट पेश किए जाने की मांग कर रहे हैं

नई दिल्ली:

चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव से पहले बजट को रोके जाने की विपक्ष की मांग को सरकार से उसका जवाब मांगा है।

कैबिनेट सेक्रेटरी प्रदीप कुमार सिन्हा को पत्र लिखकर विपक्ष की मांग पर सरकार की प्रतिक्रिया मांगी है। विपक्षी दल सरकार से 8 मार्च के बाद बजट पेश किए जाने की मांग कर रहे हैं।

बुधवार को चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था। चुनाव की शुरूआत 4 फरवरी को पंजाब और गोवा विधानसभा चुनाव के साथ होगी।

विधानसभा चुनाव शुरू होने के ठीक दिन पहले देश का केंद्रीय बजट पेश किया जाना है। विपक्षी दल इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए बजट को चुनाव बाद पेश किए जाने की मांग कर रहे हैं।

कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दल ने इस मसले को लेकर चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपा था लेकिन चुनाव आयोग ने इसे सरकार का नीतिगत मामला बताते हुए कोई दिशानिर्देश देने से मना कर दिया।

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में भी बजट को रोके जाने की मांग को लेकर याचिका दी गई थी लेकिन चीफ जस्टिस जे एस खेहर की पीठ ने इस मामले की तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया।

कोर्ट ने कहा, 'हम इस मामले की तत्काल सुनवाई नहीं करने जा रहे हैं। मामले की सुनवाई की जाएगी लेकिन समय आने पर।'

सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट सेक्रेटरी को आयोग ने 10 जनवरी तक जवाब देने को कहा है। विपक्षी दलों कहना है बजट में सरकार लोकलुभावन घोषणाएं कर विधानसभा चुनाव के पहले मतदाताओं को प्रभावित कर सकती है।

विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भी बजट को रोके जाने की अपील की है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि 2012 में जब यूपीए 2 की सरकार थी तब बीजेपी ने चुनाव से पहले बजट पेश किए जाने को लेकर विरोध किया था और तत्कालीन सरकार ने विपक्ष की मांग को मानते हुए बजट को 28 फरवरी के बदले 16 मार्च को पेश किया था।

वहीं केंद्र सरकार बजट की तारीख को लेकर टस से मस होने को तैयार नहीं है। केंद्र सरकार साफ कर चुकी है कि बजट की तारीखों में कोई बदलाव नहीं होगा और इसे समय पर यानी 1 फरवरी को ही पेश किया जाएगा।