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अटल प्रगति पथ परियोजना को गति देने के प्रयास तेज

अटल प्रगति पथ परियोजना को गति देने के प्रयास तेज

Updated on: 20 Oct 2021, 11:15 AM

भोपाल:

मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल इलाके की तस्वीर बदलने वाली महत्वाकांक्षी अटल प्रगति पथ परियोजना के काम में तेजी लाने के प्रयास गति पकड़ने लगे हैं। जमीन के हस्तांतरण की कार्रवाई को दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

अटल प्रगति पथ परियोजना को तेजी से मूल रूप प्रदान करने के प्रयास लोक निर्माण विभाग द्वारा किए जा रहे हैं। परियोजना के निर्माण के लिए राज्य शासन द्वारा एन.एच.ए.आई. को नि:शुल्क भूमि दिसम्बर 2021 तक उपलब्ध कराई जाना है। भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया को तेजी से पूर्ण कराने के लिए भिण्ड, मुरैना और श्योपुर जिले के राजस्व, वन, लोक निर्माण विभाग तथा एन.एच.ए.आई. के अधिकारियों की संयुक्त कार्यशाला 21 और 22 अक्टूबर को आयोजित की जाएगी।

लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने बताया कि अटल प्रगति पथ का 313 किलोमीटर एरिया चंबल संभाग के श्योपुर, मुरैना तथा भिंड जिलों की सीमा से गुजरेगा। इस कार्य को निर्बाध रूप से समय-सीमा में पूर्ण किया जाना है। इसके लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा तीनों जिलों के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक तथा पटवारी, वन मंडलाधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी वन तथा रेंजर, लोक निर्माण विभाग तथा राष्ट्रीय राजमार्ग के मैदानी अमले के साथ कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।

मंडलोई ने बताया कि कार्यशाला जिला कलेक्टर के निर्देशन में आयोजित की जाएगी। दिनांक 21 अक्टूबर पहले चरण में कलेक्टर सभागार भिण्ड तथा दोपहर में कलेक्ट्रेट सभागार मुरैना में कार्यशाला आयोजित होंगी। इसी प्रकार 22 अक्टूबर को सुबह कलेक्टर सभागार श्योपुर में आयोजित की जाएगी।

ज्ञात हो कि इस मार्ग के निर्माण से झांसी (उत्तर प्रदेश) से कोटा (राजस्थान) का एक प्रमुख नया मार्ग जुड़ेगा, जो मध्य प्रदेश के तीन जिलों को लाभान्वित करेगा। इन दोनों बिंदुओं की दूरी में भी लगभग 50 किलोमीटर की बचत होगी। इस एक्सप्रेस-वे के बनने में आवागमन में लगने वाला 11 घंटे का समय घटकर छह घंटे तक हो जाएगा। वहीं, चंबल नदी के किनारे-किनारे बनाए जाने वाले इस नए एक्सप्रेस-वे में राज्य शासन ने औद्योगिक, व्यावसायिक और विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में निवेश आमंत्रित करने की तैयारी की है। एक्सप्रेस-वे में लगने वाली समस्त भूमि राज्य शासन की तरफ से अपने व्यय पर उपलब्ध कराई जा रही है।

-आईएएनएस

एसएनपी/एसकेके

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