स्कूलों में छात्राओं के नामांकन में 31% की बढ़ोतरी, राज्यसभा में बोले शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि, पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में उच्च अध्ययन में छात्रों की संख्या बढ़कर 20-25% हो गई है. वहीं अनुसूचित जाति (एससी) से संबंधित लड़कियों का आंकड़ा 50% है.

author-image
Sourabh Dubey
एडिट
New Update
Dharmendra_Pradhan

Dharmendra_Pradhan( Photo Credit : social media)

स्कूलों में छात्राओं के नामांकन में 31% की वृद्धि हुई है... इन आंकड़ों की जानकारी आज बुधवार केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दी है. प्रधान ने राज्यसभा को बताया कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा की गई कई पहलों के वजह से, साल 2014-15 के बीच स्कूलों में छात्राओं की संख्या में 31% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. उन्होंने बताया कि, भारत में 300 मिलियन से अधिक छात्र हैं, जिसमें से 260 मिलियन कक्षा 0-12वीं में हैं और बाकी 40 मिलियन उच्च शिक्षा संस्थानों में हैं. इसमें केवल एक सूक्ष्म अल्पसंख्यक है जो अध्ययन के लिए बाहर जाता है.

Advertisment

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि, पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में उच्च अध्ययन में छात्रों की संख्या बढ़कर 20-25% हो गई है. वहीं अनुसूचित जाति (एससी) से संबंधित लड़कियों का आंकड़ा 50% है. साथ ही एससी और अनुसूचित जनजाति (एसटी) छात्रों के लिए नामांकन वृद्धि दर क्रमशः 44% और 65% है.

साथ ही उन्होंने बताया कि, इसके अतिरिक्त अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के छात्रों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. स्कूलों में मुस्लिम अल्पसंख्यक महिला छात्रों की संख्या में 45% की वृद्धि हुई है. इससे साफ पता चलता है कि सरकार द्वारा की गई पहल के कारण, बच्चों ने अधिक पढ़ना शुरू कर दिया है. इसके साथ ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विश्वास दिलाया कि, देश की नई शिक्षा नीति अगले तीन वर्षों में भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए बहुत अच्छी होगी. 

शिक्षा मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने भारतीय भाषाओं के शिक्षण को बढ़ाने के लिए उपाय करने का निर्णय लिया है, क्योंकि भारत की आत्मा अपनी भाषाओं के माध्यम से ही जीवित है. ऐसे में अपडेटेड करिक्यूलम फ्रेमवर्क के मुताबिक अब कक्षा 11 और 12 के सभी छात्रों के लिए न्यूनतम दो भाषाओं का अध्ययन करना अनिवार्य है, जिनमें से एक भारतीय भाषा है. वहीं केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा स्कूलों में 20 भारतीय नागरिक भाषाओं को पढ़ाने-सिखाने की सामग्री उपलब्ध कराए जाने को लेकर भी एक सर्कुलर निकाला गया है. 

Source : News Nation Bureau

Dharmendra pradhan
      
Advertisment