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ED ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व राहुल गांधी को किया तलब ( Photo Credit : News Nation)
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी सांसद राहुल गांधी को तलब किया है. कांग्रेस के दोनों दिग्गज नेताओं को ऐसे मामले में समन भेजा गया है, जिसे 2015 में जांच एजेंसी ने बंद कर दिया था. सोनिया गांधी को 8 जून को पूछताछ के लिए बुलाया गया है. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हम झुकेंगे नहीं और सामना करेंगे. सिंघवी ने कहा कि सोनिया गाांधी खुद ईडी के दफ्तर जाएंगी और सभी सवालों के जवाब देंगी.
Enforcement Directorate summons Congress interim president Sonia Gandhi and party MP Rahul Gandhi over the National Herald case, which was closed by the investigating agency in 2015: Official Sources pic.twitter.com/RKqVNpEDXE
— ANI (@ANI) June 1, 2022
कांग्रेस ने बताया डराने का हथकंडा
ईडी की इस कार्रवाई पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि 1942 में जब नेशनल हेराल्ड अखबार शुरू किया था, तब उस समय अंग्रेजों ने इसे दबाने की कोशिश की थी. आज मोदी सरकार भी यही काम कर रही है. इसके लिए ईडी का इस्तेमाल किया जा रहा है. ईडी ने हमारी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नोटिस दिया है. उन्होंने आगे कहा कि हम "डरेंगे नही, झुकेंगे नही...सीना ठोक कर लड़ेंगे. वहीं, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया है कि इससे पहले ईडी ने इस मामले को बंद कर दिया था. उन्होंने कहा कि भाजपा राजनीतिक विरोधियों को डराने के लिए कठपुतली एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है.'
Started the National Herald newspaper in 1942, at that time the British tried to suppress it, today Modi govt is also doing the same & ED is being used for this. ED has given notice to our president Sonia Gandhi and Rahul Gandhi: Congress leader Randeep Surjewala pic.twitter.com/OAl7CX38Pj
— ANI (@ANI) June 1, 2022
सोनिया व राहुल गांधी समेत इन नेताओं पर हैं आरोप
भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी, राहुल गांधी,कांग्रेस के दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा, पत्रकार सुमन दुबे और टेक्नोक्रेट सैम पित्रोदा पर आरोप लगाए थे. उनका आरोप था कि यंग इंडिया लिमिटेड के जरिए गलत तरीके से इसका अधिग्रहण किया गया है और कांग्रेस नेताओं ने 2,000 करोड़ रुपए की संपत्ति हथिया ली. गौरतलब है कि इस मामले की जांच 2014 में ईडी की ओर से की गई थी, जिसे बाद में 2015 में बंद कर दिया गया था. कांग्रेस इस मामले को लेकर कहती रही है कि यंग इंडिया लिमिटेड का मकसद प्रॉफिट कमाना नहीं है, बल्कि इसका गठन चैरिटी के लिए किया गया है.
Source : News Nation Bureau