प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पश्चिम बंगाल के करोड़ों रुपये के स्कूल भर्ती घोटाले में शुक्रवार को कोलकाता में धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत में मुख्य आरोपी सुजय कृष्ण भद्र उर्फ कालीघाटेर काकू (कालीघाट के चाचा) के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया।
केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने 7,600 पेज के आरोप पत्र में विस्तार से बताया है कि कैसे भद्रा ने मामले में अवैध आय एकत्र की और फिर उसे विभिन्न चैनलों के माध्यम से डायवर्ट किया। मुख्य आरोप पत्र 125 पेज का है।
सूत्रों ने कहा कि ईडी ने आरोप पत्र में विस्तार से बताया है कि हवाला मार्ग के माध्यम से आय को मोड़ने के लिए भद्रा और उनके करीबी सहयोगियों द्वारा 100 से अधिक बैंक खातों का इस्तेमाल किया गया था।
सूत्रों ने बताया कि ईडी ने उन कॉर्पोरेट संस्थाओं की भी पहचान की है जिनका उपयोग इस डायवर्जन प्रक्रिया में किया गया था। साथ ही जिन रियल एस्टेट को पैसा डायवर्ट किया गया उनकी पहचान की जा चुकी है।
सूत्र ने बताया कि आरोप पत्र में बताया गया है कि भद्रा ने कैसे शहर के चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद से कृत्रिम रूप से एक विशेष कंपनी के शेयर की कीमत 10 रुपये प्रति शेयर से बढ़ाकर 440 रुपये प्रति शेयर कर दी थी।
इस साल 30 मई को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद दो महीने से भी कम समय में भद्रा के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है।
ईडी ने दावा किया है कि भद्रा ने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी और निष्कासित युवा तृणमूल कांग्रेस नेता कुंतल घोष के बीच मुख्य कड़ी के रूप में काम किया था। दोनों वर्तमान में स्कूल नौकरी मामले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए न्यायिक हिरासत में हैं।
ईडी के निष्कर्षों के अनुसार, भद्रा ने तृणमूल कांग्रेस विधायक और पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (डब्ल्यूबीबीपीई) के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य के साथ भी करीबी संपर्क बनाए रखा, जो अब उसी मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।
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Source : IANS