ED ने बीते 5 वर्षों में सांसदों, विधायकों और MLC के खिलाफ 87 मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की जांच की
पिछले पांच वर्षों के दौरान, प्रवर्तन निदेशालय ने सांसदों, विधायकों और एमएलसी (पूर्व और मौजूदा दोनों) के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत लगभग 87 मामलों की जांच शुरू की है.
नई दिल्ली:
पिछले पांच वर्षों के दौरान, प्रवर्तन निदेशालय ने सांसदों, विधायकों और एमएलसी (पूर्व और मौजूदा दोनों) के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत लगभग 87 मामलों की जांच शुरू की है. वित्त राज्य मंत्री, पंकज चौधरी ने मंगलवार को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान 59 अभियोजन शिकायतें (पीसी) विशेष अदालत (पीएमएलए) के समक्ष दायर की गई हैं, जो ट्रायल के अलग-अलग चरणों में हैं.
पीएमएलए के प्रावधान 1 जुलाई, 2005 से प्रभावी हुए और अब तक विशेष अदालत, पीएमएलए द्वारा केवल 36 मामलों में ही सुनवाई पूरी की गई है और शेष 1,082 मामले ट्रायल के अलग-अलग चरणों में हैं. जवाब में आगे कहा गया कि मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध का ट्रायल 36 निर्णीत मामलों में से केवल 21 मामलों में योग्यता के आधार पर पूरा किया गया है. जिसके परिणामस्वरूप 20 मामलों में 31 अभियुक्तों को दोषी ठहराया गया है.
शेष 15 मामलों में, मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध की सुनवाई विधेय एजेंसी द्वारा दायर चार्जशीट के आधार पर विधेय अपराध को रद्द करने के कारण योग्यता के आधार पर आगे नहीं बढ़ सकी. हालांकि, इन मामलों में उच्च न्यायालयों के समक्ष अपील को प्राथमिकता दी गई है.
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