प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एक नौकरशाह और कुछ सरकारी अधिकारियों से पूछताछ कर सकता है, जिनके पता एक चीनी नागरिक और वीवो के एक पूर्व निदेशक ने एक कंपनी में शामिल किया था।
चीनी नागरिक ने जानबूझकर सोलन, हिमाचल प्रदेश और गांधीनगर, जम्मू का पता प्रदान किया था और उनमें से एक पता एक सरकारी भवन और एक वरिष्ठ नौकरशाह का पाया गया था।
चीनी स्मार्टफोन कंपनी वीवो के शीर्ष अधिकारी, निदेशक झेंगशेन ओयू और झांग जी नेपाल के रास्ते भारत से भाग गए थे। ईडी को पता चला है कि फर्म बड़े हवाला लेनदेन में शामिल थी।
ईडी ने ग्रैंड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (जीपीआईसीपीएल) और उसके निदेशक, शेयरधारकों के खिलाफ आईपीसी, 1860 की धारा 417, 120 बी और 420 के तहत दिल्ली के कालकाजी पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला शुरू किया।
प्राथमिकी के अनुसार, जीपीआईसीपीएल और उसके शेयरधारकों ने निगमन के समय जाली पहचान दस्तावेजों और झूठे पतों का इस्तेमाल किया था। आरोप सही पाए गए क्योंकि जांच में पता चला कि जीपीआईसीपीएल के निदेशकों द्वारा उल्लिखित पते उनके नहीं थे, बल्कि वास्तव में यह एक सरकारी भवन और एक वरिष्ठ नौकरशाह का घर था।
ईडी ने कहा है कि कुल 1,25,185 करोड़ रुपये की बिक्री में से वीवो इंडिया ने 62,476 करोड़ रुपये भेजे। यानी भारत से बाहर कारोबार का लगभग 50 फीसदी, मुख्य रूप से चीन को भेजा।
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 5 जुलाई को उन्होंने वीवो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और इसकी 23 संबद्ध कंपनियों जैसे जीपीआईसीपीएल से संबंधित देश भर में 48 स्थानों पर तलाशी ली।
वीवो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को 1 अगस्त 2014 को मल्टी एकॉर्ड लिमिटेड की सहायक कंपनी के रूप में शामिल किया गया था, जो हांगकांग स्थित कंपनी है और आरओसी दिल्ली में पंजीकृत है। जीपीआईसीपीएल को 3 दिसंबर 2014 को आरओसी शिमला में पंजीकृत किया गया था, जिसमें सोलन, हिमाचल प्रदेश और गांधीनगर, जम्मू के पंजीकृत पते थे।
उक्त कंपनी को झेंगशेन ओयू, बिन लू और झांग जी ने एक चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) नितिन गर्ग की मदद से निगमित किया था।
लू ने 26 अप्रैल, 2018 को भारत छोड़ दिया जबकि ओ और जी ने 2021 में भारत छोड़ दिया।
ईडी की जांच से पता चला है कि जीपीआईसीपीएल के वही निदेशक लू भी वीवो के पूर्व निदेशक थे। उन्होंने विभिन्न राज्यों में फैली देश भर में कई कंपनियों को शामिल किया था।
वर्ष 2014-15 में वीवो के शामिल होने के ठीक बाद और एक अन्य चीनी राष्ट्रीय जि़क्सिन वेई ने एक ही समय में कुल 18 कंपनियों को और 4 कंपनियों को शामिल किया था।
ईडी ने कहा कि इन कंपनियों ने वीवो इंडिया को भारी मात्रा में फंड ट्रांसफर किया है। इसके अलावा, 1,25,185 करोड़ रुपये की कुल बिक्री आय में से, वीवो इंडिया ने 62,476 करोड़ रुपये भेजे। यानी भारत से बाहर कारोबार का लगभग 50 फीसदी, मुख्य रूप से चीन को भेजा।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS