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यूपी में आर्थिक रूप से गरीब, अब दूसरों को दे रहे रोजगार

यूपी में आर्थिक रूप से गरीब, अब दूसरों को दे रहे रोजगार

Updated on: 06 Oct 2021, 03:05 PM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश में समाज के कमजोर वर्ग, जो अपने अस्तित्व के लिए बहुत पहले तक संघर्ष कर रहे थे, अब अन्य लोगों को रोजगार देने की स्थिति में आ गये हैं।

गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की अपनी पक्की दुकानें हैं, जबकि कुछ बिना ब्याज के कर्ज लेकर अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर रहे हैं।

राज्य सरकार के प्रवक्ता के अनुसार अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम (एससीएफडीसी) की नौ से अधिक योजनाओं ने समाज के वंचित वर्ग के बेरोजगार युवाओं के जीवन को बदलने का काम किया है।

एससीएफडीसी की पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना ने अनुसूचित जाति के युवाओं के जीवन में बड़ा बदलाव लाया है।

विभाग ने बैंकों के सहयोग से कृषि, उद्योग और व्यावसायिक क्षेत्रों में 10 लाख रुपये तक का ऋण दिया है।

एससीएफडीसी के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2021-22 में इस योजना के तहत जुलाई तक 20,516 आवेदन जमा किए गए थे।

इसमें से 1,767 आवेदकों को ऋण दिया गया, जिन्होंने अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया है।

अर्बन एरिया शॉप कंस्ट्रक्शन स्कीम के तहत 1,000 दुकानों में से 250 का निर्माण जुलाई में किया गया, जबकि 396 दुकानें निमार्णाधीन हैं।

इस योजना के तहत, गरीबी रेखा से नीचे के कार्ड वाले बेरोजगार लोगों, जिनके पास अपनी जमीन है, उनको 78,000 रुपये से 85,000 रुपये के बीच ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया गया है और 10,000 रुपये का अनुदान भी विभाग द्वारा दिया गया है।

एससीएफडीसी महिलाओं और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।

आटा/मसाला चक्की योजना के तहत प्रत्येक जिले की 2,250 महिलाओं को सीधे जोड़ा जाएगा। उन्हें 20,000 रुपये का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा और उन्हें आटा/मसाला चक्की उपलब्ध कराई जाएगी।

एससीएफडीसी द्वारा 10 हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा, जबकि बाकी रुपये 36 महीने में महिलाओं को दी जाएगी।

इस योजना के तहत फिलहाल 17 महिलाओं का चयन किया गया है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.